
सहरसा जिले के माखर गाँव के सुमोध कुमार की कहानी लोगों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। जो सुमोध कभी दिल्ली की सड़कों पर ऑटो चलाकर गुज़ारा करते थे, आज वह अपने गाँव में एक सफल उद्यमी (Entrepreneur) बन चुके हैं। दिल्ली में ऑटो चलाते समय, उन्होंने YouTube पर सोया पनीर बनाने का एक वीडियो देखा।
इससे प्रेरित होकर, उन्होंने शुद्ध पनीर बनाने का फैसला किया और नौकरी छोड़कर गाँव लौट आए। उन्होंने इस काम को सही तरीके से सीखने के लिए जानकार लोगों से सलाह ली। उनकी मेहनत और सही दिशा ने उनकी किस्मत बदल दी और वह अब एक सफल कारोबारी बन गए हैं।
सुमोध की सोया पनीर सफ़लता की कहानी
सुमोध ने पूरी प्रक्रिया को समझकर घर पर ही सोया पनीर (टोफू) बनाना शुरू किया। शुरुआत में उनका बाज़ार छोटा था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया और लोगों को सोया पनीर के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताना शुरू किया। कुछ ही महीनों की मेहनत के बाद, लोगों को यह प्रोटीन से भरपूर और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद बहुत पसंद आने लगा, और इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ गई। आज सुमोध रोज़ाना लगभग 40 किलो सोया पनीर तैयार करते हैं, जिसकी सप्लाई वे आस-पास के बाजारों में करते हैं।
घर पर बनाया शुद्ध सोया पनीर
एक किलो सोया पनीर (टोफू) की कीमत ₹200 है, जिससे सुमोध को अच्छी कमाई हो रही है। सुमोध बताते हैं कि भले ही बाज़ार में अभी इसकी चर्चा कम है, लेकिन इसकी उपयोगिता बहुत ज़्यादा है। यह साधारण पनीर से कहीं अधिक हेल्दी होता है और उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो प्रोटीन चाहते हैं या शाकाहारी विकल्प ढूँढ रहे हैं। सुमोध की कोशिश है कि लोग इस शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद के बारे में ज़्यादा जानें, ताकि इसका उपयोग बढ़ सके।
सुमोध कुमार की आत्मनिर्भरता की मिसाल
आज सुमोध कुमार न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अपने पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं। उनकी यह सफलता साबित करती है कि एक छोटा सा विचार, सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत के साथ मिलकर बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है। दिल्ली की सड़कों से लेकर अपने गाँव के घर तक का यह सफ़र सुमोध ने अपने सपनों और विश्वास की बदौलत पूरा किया है। खास बात यह है कि वह अब अपने घर पर रहकर ही लोगों को रोज़गार दे रहे हैं।









