
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की और से 100 और 200 रुपये के नोट को लेकर सभी बैंको के लिए जरूरी आदेश जारी किए गए थे। जिसमें कहा गया था की अब बैंको को ग्राहकों के लिए अपनी एटीएम मशीन में 100 रुपये और 200 रुपये के नोट उपलब्ध करवाने होंगे। यह निर्णय आम लोगों को 500 के छुट्टे और छोटे नोट ना मिल पाने की समस्या को देखते हुए लिया गया था, वहीं नोटों की संख्या बढ़ाने के लिए आरबीआई ने 30 सितंबर, 2025 तक की गाइडलाइन भी जारी की है।
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RBI के नए आदेश का असर
आरबीआई के इस निर्देश के बाद से देश के लगभग 73 प्रतिशत एटीएम के एक कैसेट से ₹100- ₹200 के नोट निकलना शुरू हो गए हैं। दिसंबर 2024 में यह संख्या 65 फीसदी थी, जिसके बाद से इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। देश के 2.15 लाख एटीएम में से 73,000 चलाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी CMS Info System ने यह जानकारी शेयर की है की देश के कई एटीएम में नोटों की उपलब्धता में सुधार हो रहा है।
कंपनी के अधिकारी अनुष राघवन ने बताया की भारत में 60% लोग अभी भी अपने खर्च कैश के जरिए पूरे करते हैं, ऐसे में छोटे नोटों की उपलब्धता एटीएम में होना बेहद ही जरूरी है। अगर एटीएम में सीधे ₹100- ₹200 के नोट मिलने शुरू हो जाएंगे तो लोग अपने जरूरत के हिसाब से कम या अधिक पैसे निकाल सकेंगे।
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बैंको के लिए जरूरी सर्कुलर
देश में अधिक से अधिक लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए एटीएम से छोटे नोट निकलने की सुविधा मिल सके, इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल, 2025 में एक सर्कुलर जारी किया था। जिसमें कहा गया की 30 सितंबर 2025 तक सभी बाँकों को यह सुनिश्चित करना होगा की उनके 75 फीसदी एटीएम से ग्राहकों को 100 या 200 रुपये के नोट मिल सके। जिसके बाद 31 मार्च, 2026 तक यह आंकड़ा 75 फीसदी से 90 फीसदी तक पहुंचाना होगा।
एटीएम से पैसे निकालना पड़ेगा महंगा
बता दें, आरबीआई ने 1 मई, 2025 से एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है यानी अब एटीएम से पैसे निकालना ज्यादा महंगा हो जाएगा। ऐसे में अगर आप महीने में लिमिट से अधिक बार की ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको पहले से अधिक चार्ज देना होगा। इंटरचेंज फीस वह फीस है जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने के लिए देता है, हालांकि यह खर्च बाद में कस्टमर से ही वसूला जाता है। इस फीस में बदलाव के साथ-साथ ट्रांजेक्शन लिमिट भी घटा दी गई है।
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