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पूरे देश में पटाखों पर लग सकता है बैन? प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

पूरे देश में पटाखों पर प्रतिबंध लग सकता है, ऐसा लग रहा है! प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। क्या यह फैसला दिवाली के जश्न को हमेशा के लिए बदल देगा? कोर्ट ने कहा है कि स्वच्छ हवा में सांस लेना हमारा अधिकार है। अब देखना यह है कि क्या इस बार प्रदूषण पर जीत होगी या पटाखों की गूँज जारी रहेगी।

By Pinki Negi

पूरे देश में पटाखों पर लग सकता है बैन? प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
पटाखों पर बैन

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा कि साफ हवा सिर्फ दिल्ली या एनसीआर के लोगों का हक नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लोगों का अधिकार है. उनका कहना है कि प्रदूषण से संबंधी कोई भी नीति केवल दिल्ली के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि पूरे देश के लिए होनी चाहिए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण अमृतसर में है. इसलिए अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए तो यह पूरे देश में लागू होना चाहिए.

पटाखों पर पूरी तरह लगाया जाएगा बैन

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगे बैन को लेकर एक याचिका पर सुनवाई की. इस याचिका में पटाखों की बिक्री, भंडारण, परिवहन और निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाने की बात की गई. इस मामले पर कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा

उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने दिल्ली के प्रदूषण पर बात करते हुए कहा कि हमारे देश के अमीर लोग दूषण होने पर शहर छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन आम नागरिकों को इसका सामना करना पड़ता है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से वायु प्रदूषण पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा. बताया जा रहा है कि पर्यावरण आभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों यानी ‘हरित पटाखों’ पर शोध कर रहा है.

साफ हवा का हक सबको मिलना चाहिए

दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है, कोर्ट ने कहा कि पिछले 6 महीनों से कई आदेशों से यह साफ है कि दिल्ली में स्थिति बहुत खराब है. साफ और स्वच्छ स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार हमारे स्वास्थ्य के अधिकार का एक अहम हिस्सा है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आता है. अब जब तक यह साबित नही हो जाता कि हरित पटाखे बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं, तब तक सुप्रीम कोर्ट अपने पुराने आदेशों पर कोई बात नही करेगी.

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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