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Bank Charges: बिना सोचे समझे बंद न करें बैंक खाता! ‘अकाउंट क्लोजर फीस’ से लेकर ‘मिनिमम बैलेंस’ तक, जानें 5 नियम

बिना सोचे समझे बैंक अकाउंट बंद करने पर चुकानी पड़ सकती है भारी 'क्लोजर फीस'! जानिए मिनिमम बैलेंस, सर्विस चार्ज और छिपे नियमों के बारे में पूरी जानकारी।

By Manju Negi

बैंक खाता बंद करने की जल्दबाजी से बचें! कई लोग पुराने खाते को बंद कर नया खोल लेते हैं, लेकिन इससे जुड़े छिपे खर्चे जेब पर भारी पड़ सकते हैं। अकाउंट क्लोजर फीस, मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी और अन्य नियमों को नजरअंदाज करने से सैकड़ों-हजारों रुपये का नुकसान हो सकता है। इस लेख में जानिए 5 जरूरी नियम, जो खाता बंद करने से पहले हर ग्राहक को पता होने चाहिए।

Bank Charges: बिना सोचे समझे बंद न करें बैंक खाता! 'अकाउंट क्लोजर फीस' से लेकर 'मिनिमम बैलेंस' तक, जानें 5 नियम

अर्ली क्लोजर पर लगने वाली फीस

खाता खोलने के कुछ महीनों बाद ही बंद करने का इरादा हो तो सावधान रहें। बैंक आमतौर पर पहले 6 से 12 महीनों में क्लोजर पर 200 से 1000 रुपये तक शुल्क लेते हैं। यह राशि खाते के प्रकार और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करती है। उदाहरणस्वरूप, अगर आपका खाता अभी नया है तो ब्रांच विजिट से पहले मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर सर्विस चार्ज चेक कर लें। इससे अनचाहे झगड़े से बचाव होगा।

मिनिमम बैलेंस की अनदेखी न करें

हर बैंक में औसत मासिक बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होता है। शहरों में यह 10,000 रुपये तक हो सकता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 2,500-5,000 रुपये। अगर यह कम रहा तो हर महीने 50 से 200 रुपये पेनल्टी कट सकती है। खाता बंद करने से ठीक पहले सभी बकाया पेनल्टी क्लियर कर लें, वरना क्लोजर प्रक्रिया रुक सकती है। जीरो बैलेंस वाले बेसिक खाते भी अब सख्ती से निगरानी में हैं।

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डेबिट कार्ड और चेकबुक के बकाए

खाता बंद करने से पहले डेबिट कार्ड की सालाना फीस या चेकबुक के चार्जेस पर नजर डालें। ये 150 से 600 रुपये तक हो सकते हैं। कई बार बैंक इन बकायों को बैलेंस से काट लेते हैं। अगर कार्ड इस्तेमाल नहीं किया तो भी रिन्यूअल फीस लग सकती है। स्टेटमेंट डाउनलोड कर हर लेन-देन साफ करें, ताकि क्लोजर स्मूथ हो।

निष्क्रिय खाते का खतरा

12 महीने से कोई ट्रांजेक्शन न हो तो खाता निष्क्रिय या डोरमेंट मान लिया जाता है। ऐसे में बैलेंस एक्सेस मुश्किल हो जाता है और रिएक्टिवेशन में समय लगता है। नए नियमों के मुताबिक, लंबे समय तक निष्क्रिय खाते खुद-ब-खुद बंद हो सकते हैं। छोटे-मोटे ट्रांजेक्शन जैसे बैलेंस चेक या छोटा डेबिट समय-समय पर करते रहें। इससे पैसे सुरक्षित रहेंगे।

अंतिम बैलेंस ट्रांसफर सावधानी

क्लोजर से पहले न्यूनतम बैलेंस जमा करें, कम से कम 500-1,000 रुपये। जीरो पर क्लोजर करने से पेनल्टी लग सकती है। अगर दूसरा खाता है तो बैलेंस ट्रांसफर आसान रहता है। मल्टीपल खाते रखने वाले ग्राहकों को एक्टिव खाते चुनें जहां मिनिमम बैलेंस की सख्ती कम हो। अंत में, लिखित आवेदन दें और रसीद लें।

इन नियमों का पालन करने से बैंकिंग अनुभव बेहतर बनेगा। खाता बंद करना जरूरी हो तो प्लानिंग से करें, ताकि पैसे की बर्बादी न हो। स्मार्ट ग्राहक बनें और हर कदम सोच-समझकर उठाएं।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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