हाल ही में इंटरनेट पर एक चौंकाने वाली खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी जिसमें दावा किया गया कि बाबा रामदेव की पतंजलि ने 250MP कैमरे और 144Hz रिफ्रेश रेट वाले 6G स्मार्टफोन को लॉन्च कर दिया है. रिपोर्ट्स में इस कथित स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशंस इतने एडवांस बताए गए कि टेक्नोलॉजी प्रेमियों के बीच हलचल मच गई. लेकिन गहराई से की गई जांच-पड़ताल से साफ हो गया है कि ये खबरें पूरी तरह से झूठी और भ्रामक हैं.

क्या था पतंजलि 6G स्मार्टफोन दावे में?
वायरल रिपोर्ट्स के अनुसार पतंजलि ब्रांड का यह स्मार्टफोन न सिर्फ लेटेस्ट फीचर्स से लैस था, बल्कि यह भी दावा किया गया कि यह फोन भारत का पहला 6G फोन होगा. स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो इसमें शामिल थे:
- 250MP मेन कैमरा,
- 13MP और 33MP के सेकेंडरी कैमरा सेंसर,
- 28MP फ्रंट कैमरा,
- 6.74-इंच Super AMOLED डिस्प्ले (144Hz रिफ्रेश रेट के साथ),
- MediaTek Dimensity 8200 प्रोसेसर,
- 12GB तक RAM और 2TB स्टोरेज,
- 7000mAh बैटरी जो 200W फास्ट चार्जिंग के जरिए महज 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाती है।
साथ ही यह भी कहा गया कि फोन ₹25,000 से ₹33,000 की कीमत में उपलब्ध होगा और यह साल 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा.
फैक्ट चेक में खुली सच्चाई
जब इन दावों की जांच की गई तो सामने आया कि पतंजलि या उसकी किसी भी सहायक कंपनी ने ऐसा कोई स्मार्टफोन पेश नहीं किया है. न ही 6G टेक्नोलॉजी को लेकर कंपनी ने कोई आधिकारिक ऐलान किया है.
6G तकनीक अभी तक अस्तित्व में नहीं
यह ध्यान देना जरूरी है कि 6G नेटवर्क तकनीक अभी केवल अनुसंधान और विकास के चरण में है. दुनिया की अग्रणी टेक कंपनियां जैसे कि Apple, Samsung, और Huawei भी अभी तक 6G के किसी वाणिज्यिक प्रोटोटाइप तक नहीं पहुंची हैं. ऐसे में एक FMCG और Ayurvedic उत्पादों पर केंद्रित कंपनी का इस स्तर का स्मार्टफोन लॉन्च करना तकनीकी रूप से असंभव लगता है.
पतंजलि का मुख्य फोकस अभी भी FMCG
पतंजलि का मूल व्यवसाय आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन और वितरण है. हालांकि कंपनी ने पहले डिजिटल स्पेस में प्रवेश करने की कोशिश की है (जैसे ‘Kimbho’ ऐप), लेकिन हाई-एंड हार्डवेयर निर्माण में कोई अनुभव या पूर्व संकेत अब तक नहीं मिले हैं.
अफवाह से सावधान रहें
सोशल मीडिया और कुछ वेबसाइट्स पर चल रही इन रिपोर्ट्स का कोई तकनीकी या व्यावसायिक आधार नहीं है. ऐसे में आम उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि वे इन भ्रामक खबरों पर भरोसा न करें और किसी भी खबर की पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से करें.