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दो शादी की तो 10 साल की जेल! फ्री राशन-पानी भी होगा बंद, इस राज्य में लागू हुआ नया कानून

इस राज्य में बहुविवाह (दो शादियों) के खिलाफ़ सख्त कानून लागू हो गया है! नियम तोड़ने पर अब 10 साल की कड़ी जेल होगी। इतना ही नहीं, दोषी पाए जाने पर आपकी सरकारी सुविधाओं जैसे फ्री राशन और पानी पर भी रोक लग सकती है। नए कानून की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

By Pinki Negi

दो शादी की तो 10 साल की जेल! फ्री राशन-पानी भी होगा बंद, इस राज्य में लागू हुआ नया कानून
शादी

असम विधानसभा ने गुरुवार को एक बहुत महत्वपूर्ण बिल पास किया है, जिसके तहत अब राज्य में एक से ज़्यादा शादियाँ (बहुविवाह) करना एक कानूनी अपराध होगा। इस नए ‘प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगैमी बिल 2025’ का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा को मज़बूत करना है। इस कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी कानूनी रूप से खत्म किए बिना दूसरी शादी करता है, तो उसे अपराधी माना जाएगा, जिसके लिए सज़ा और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है।

असम में UCC की ओर बड़ा कदम

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि यह नया बिल असम में एक बड़ी कानूनी सुधार की शुरुआत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म (विशेष रूप से इस्लाम) के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में समानता लाना और महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करना है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम उन राज्यों जैसा है जिन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की दिशा में काम शुरू किया है, जैसा कि उत्तराखंड पहले ही कर चुका है।

असम में बहुविवाह पर रोक लगाने का कानून

इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य असम राज्य में बहुविवाह (एक से ज़्यादा शादी) की प्रथा को पूरी तरह से रोकना और खत्म करना है। यह कानून हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और अन्य सभी समुदायों पर लागू होगा। हालाँकि, इस कानून के प्रावधान संविधान की छठी अनुसूची के क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्यों पर लागू नहीं होंगे।

बिल में ‘बहुविवाह’ की परिभाषा

इस नए बिल में ‘बहुविवाह’ (Polygamy) की परिभाषा स्पष्ट की गई है। इसके अनुसार, बहुविवाह तब माना जाएगा जब शादी करने वाले दो लोगों में से किसी एक की पहले से शादी हो चुकी हो, या जब उसका पहला जीवनसाथी (लाइफ पार्टनर) जीवित हो। साथ ही, अगर पति का पहली पत्नी से कानूनी रूप से तलाक नहीं हुआ हो या उनकी शादी कानूनी तौर पर रद्द घोषित न की गई हो, तो भी यह बहुविवाह कहलाएगा।

बहुविवाह (Polygamy) पर प्रस्तावित सज़ा

  • बहुविवाह एक दंडनीय अपराध: बिल में बहुविवाह (एक से ज़्यादा शादी) को सज़ा देने लायक अपराध माना गया है।
  • सामान्य सज़ा: इस अपराध के दोषी को 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
  • शादी छिपाने पर सज़ा: अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी छिपाकर दूसरी शादी करता है, तो उसे 10 साल की जेल और ₹1.5 लाख का जुर्माना लगेगा।
  • अपराध दोहराने पर सज़ा: अपराध को दोबारा करने पर, निर्धारित सज़ा से दोगुनी सज़ा दी जाएगी।
  • मददगारों पर सज़ा: अगर ग्राम प्रधान, काज़ी, माता-पिता या कोई अभिभावक जानबूझकर यह शादी करवाते हैं या जानकारी छिपाते हैं, तो उन्हें 2 साल तक की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

बहुविवाह के दोषियों पर सरकारी प्रतिबंध

नए कानून के तहत, बहुविवाह (एक से अधिक शादी) के दोषी पाए जाने वाले लोग सरकारी नौकरी नहीं पा सकेंगे और न ही किसी भी सरकारी योजना का लाभ ले पाएंगे। इसके अलावा, ऐसे लोग किसी भी स्थानीय निकाय (Local Body) के चुनाव में हिस्सा लेने के भी पात्र नहीं होंगे।

पीड़ितों को सुरक्षा और आर्थिक मदद

इस बिल में कहा गया है कि बहुविवाह की पीड़ित महिलाओं को मुआवज़ा (Compensation), कानूनी सुरक्षा (Legal Protection) और दूसरी ज़रूरी मदद दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि ये महिलाएँ आर्थिक और सामाजिक रूप से सुरक्षित रहें। असम सरकार के अनुसार, चूँकि ऐसे मामलों में महिलाओं को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचता है, इसलिए यह कानून विशेष रूप से उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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