
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू न होने पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। 2022 में वादा किए जाने के बावजूद, यह कानून अभी तक लागू नहीं हो पाया है। हजारे ने बताया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सात बार पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसी कारण, उन्होंने इस निर्णायक लड़ाई की शुरुआत करते हुए 30 जनवरी से अपने गाँव रालेगणसिद्धी में आमरण अनशन (भूख हड़ताल) करने की घोषणा की है।
अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ फिर अनशन की घोषणा की
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार के विरोध में रालेगणसिद्धी, अहमदनगर में एक बार फिर बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह 30 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठेंगे। हजारे का कहना है कि यह आंदोलन अंतिम होगा। उनकी मुख्य माँग है कि सरकार लोकायुक्त कानून को तुरंत लागू करे, जिसे उन्होंने जनता की भलाई के लिए बहुत आवश्यक बताया है।
अन्ना हजारे का लोकायुक्त कानून को लेकर अनशन
अन्ना हजारे ने याद दिलाया कि उन्होंने 2022 में भी लोकायुक्त कानून लागू करने की मांग को लेकर रालेगणसिद्धी में भूख हड़ताल की थी। उस समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि मंत्री के कहने पर उन्होंने अनशन समाप्त किया था। उस दौरान फडणवीस सरकार ने कानून का ड्राफ्ट बनाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। यह कानून दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) से पास होकर राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
समाजसेवी अन्ना हजारे की नाराजगी
समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक कानून को अब तक लागू न किए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बारे में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सात बार पत्र लिखा, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। हजारे का सवाल है कि अगर यह कानून जनता के हित में है, तो सरकार इसे लागू करने में इतनी देरी क्यों कर रही है।
अन्ना हजारे 30 जनवरी से करेंगे आमरण अनशन
अन्ना हजारे ने रालेगणसिद्धी में पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य काम जनता की भलाई करना होना चाहिए, न कि सिर्फ दिखावा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकायुक्त कानून लोगों के हित के लिए बहुत आवश्यक है। इसी मांग को लेकर, अन्ना हजारे ने घोषणा की है कि वे 30 जनवरी से आमरण अनशन (भूख हड़ताल) शुरू करेंगे।









