
भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी, भारती एयरटेल ने अपने नेटवर्क पर रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज (RCS) मैसेजिंग शुरू करने के लिए गूगल (Google) के साथ साझेदारी की है। यह एयरटेल के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि कंपनी पहले RCS को सपोर्ट देने से मना कर चुकी थी (खासकर स्पैम की चिंता के कारण)। RCS पारंपरिक SMS की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें बेहतर सुविधाएँ हैं और यह इंटरनेट (मोबाइल डेटा या वाई-फाई) का उपयोग करता है। इस नए समझौते के बाद, अब भारत की तीनों प्रमुख टेलीकॉम कंपनियाँ—एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया—RCS को सपोर्ट करती हैं।
एयरटेल यूजर्स के लिए बेहतर मैसेजिंग
अगर आप एयरटेल का सिम और एंड्रॉइड स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो अब आप साधारण SMS की जगह RCS (रिच कम्यूनिकेशन सर्विसेज़) के ज़रिए मैसेज भेज पाएँगे। RCS एक मॉडर्न और तेज़ मैसेजिंग तरीका है जिसमें आप टेक्स्ट के साथ-साथ बेहतर फोटो और वीडियो शेयरिंग, ग्रुप चैट, और यह जानने की सुविधा कि मैसेज पढ़ा गया या नहीं (रीड रसीप्ट), और सामने वाला टाइप कर रहा है या नहीं (टाइपिंग इंडिकेटर), जैसी सुविधाएँ मिलती हैं। यह कदम WhatsApp जैसे ऐप्स को टक्कर देने के लिए नेटवर्क-आधारित एक बेहतर मैसेजिंग विकल्प है।
🚨 Airtel has partnered with Google to offer Rich Communication Services (RCS) messaging, positioned as a successor to traditional SMS. pic.twitter.com/Gwu2OvMjbh
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) December 8, 2025
एयरटेल और गूगल की RCS साझेदारी
एयरटेल ने भारत में RCS मैसेजिंग सर्विस देने के लिए गूगल के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके लिए गूगल के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा। इस समझौते के तहत, दोनों कंपनियाँ मैसेज से होने वाली कमाई को 80:20 के अनुपात में बाँटेंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल इस व्यवस्था के तहत प्रति RCS मैसेज के लिए लगभग 0.11 रुपये का शुल्क लेगा।
स्पैम फिल्टर पर सहमति के बाद Airtel और Google की RCS साझेदारी
शुरुआत में, एयरटेल ने गूगल और एप्पल के साथ RCS (मैसेजिंग सर्विस) देने से मना कर दिया था क्योंकि उसे डर था कि एन्क्रिप्टेड चैनल के कारण स्पैम (फ़ालतू मैसेज) बढ़ सकता है। एयरटेल ने यह चिंता जताते हुए टेलीकॉम रेगुलेटर (TRAI) से भी संपर्क किया था कि OTT मैसेजिंग ऐप्स को एंटी-स्पैम नियमों के दायरे में लाया जाए। अब, गूगल ने एयरटेल के इंटेलिजेंट स्पैम फिल्टर के साथ RCS को जोड़ने की बात मान ली है। इस सहमति के कारण ही एयरटेल और गूगल के बीच यह समझौता हो पाया है।
RCS क्या है? एडवांस मैसेजिंग का नया तरीका
RCS (रिच कम्यूनिकेशन सर्विसेज़) एक इंटरनेशनल मैसेजिंग स्टैंडर्ड है, जिसे साल 2007 में GSMA ने पुराने SMS को और भी एडवांस बनाने के लिए शुरू किया था। यह कई बेहतरीन सुविधाएँ देता है, जैसे कि WhatsApp और iMessage की तरह मैसेज पढ़ने की सूचना (रीड रिसीट्स), फाइल शेयरिंग, ग्रुप चैट और लोकेशन शेयरिंग। सबसे अच्छी बात यह है कि RCS को इस्तेमाल करने के लिए आप मोबाइल डेटा या वाई-फाई दोनों का उपयोग कर सकते हैं।









