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Child Aadhaar Update: 5 से 18 साल के बच्चों का आधार कार्ड बनवाना हुआ मुश्किल! UIDAI ने अनिवार्य किया ये एक दस्तावेज, देखें नई लिस्ट

सावधान! अगर आप भी अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने की सोच रहे हैं, तो रुकिए। UIDAI ने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए एक नया दस्तावेज़ अनिवार्य कर दिया है। 5 से 18 साल के बच्चों के लिए क्या है यह नई लिस्ट? जानने के लिए यहाँ पढ़ें।

By Pinki Negi

Child Aadhaar Update: 5 से 18 साल के बच्चों का आधार कार्ड बनवाना हुआ मुश्किल! UIDAI ने अनिवार्य किया ये एक दस्तावेज, देखें नई लिस्ट
Child Aadhaar Update

आधार कार्ड (Aadhaar) बनवाने के नियमों में सरकार एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। अब तक केवल 5 साल से छोटे बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) अनिवार्य था, लेकिन अब UIDAI इसे 18 साल तक के सभी बच्चों के लिए जरूरी करने पर विचार कर रहा है।

यदि यह नियम लागू हो जाता है, तो 5 से 18 साल के बच्चों का आधार बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट ही एकमात्र कानूनी दस्तावेज माना जाएगा। इस सख्त कदम का मुख्य उद्देश्य पहचान की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना और फर्जी आधार कार्ड बनवाने जैसी धांधलियों पर पूरी तरह लगाम लगाना है।

हर दिन बन रहे हैं हजारों नए कार्ड

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक विशेष वर्कशॉप के दौरान UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि देशभर से हर दिन लगभग 75 हजार लोग नए आधार कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से 98 प्रतिशत आवेदन 18 साल से कम उम्र के बच्चों के होते हैं।

आंकड़ों के अनुसार, नए आधार बनवाने वालों में 0 से 5 साल तक के छोटे बच्चों और 5 से 18 साल तक के किशोरों की संख्या लगभग बराबर (49-49%) है। यह दिखाता है कि अब बच्चों के लिए भी आधार कार्ड एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है।

आधार कार्ड में नाम बदलना होगा और भी आसान

आधार कार्ड की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, अब छोटे बच्चों के नाम में बदलाव या नए एनरोलमेंट के लिए जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) को ही मुख्य आधार बनाया जाएगा। UIDAI के अनुसार, कई बार माता-पिता बच्चों का नाम बदलना चाहते हैं लेकिन पुख्ता दस्तावेजों की कमी होती है; अब ऐसे मामलों में बर्थ सर्टिफिकेट में दर्ज नाम ही मान्य होगा।

आंकड़ों की बात करें तो देश में हर साल लगभग सवा दो करोड़ नए आधार आवेदन आते हैं, जो हमारी जनसंख्या वृद्धि के बराबर हैं। सिस्टम में पारदर्शिता लाने और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए अब नाम बदलने के लिए जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य दस्तावेज के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी।

हर दिन आ रहे हैं साढ़े सात लाख आवेदन

हाल ही में हुई एक वर्कशॉप में यह जानकारी सामने आई है कि आधार कार्ड में सुधार के लिए सबसे ज्यादा आवेदन मोबाइल नंबर और पता बदलवाने के लिए आते हैं। लोग अक्सर काम या निजी कारणों से एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं, जिससे उन्हें अपना रिकॉर्ड अपडेट करना पड़ता है।

इसके साथ ही नाम और जन्म तिथि सही कराने की हजारों रिक्वेस्ट भी रोज आती हैं। आंकड़ों के मुताबिक, UIDAI को साल भर में लगभग 23 करोड़ अपडेट रिक्वेस्ट मिलती हैं, जिसका मतलब है कि हर दिन करीब साढ़े सात लाख लोग अपने आधार की जानकारी सुधारने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

नाम और जन्मतिथि बदलने की सीमा तय

आधार कार्ड में धोखाधड़ी रोकने के लिए UIDAI ने नियमों को काफी कड़ा कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति अपने आधार में जन्मतिथि (DOB) सिर्फ एक बार और अपना नाम अधिकतम दो बार ही बदलवा सकता है। बड़े बदलावों के लिए अब सरकारी गजट नोटिफिकेशन देना अनिवार्य होगा।

UIDAI अब कागजी दस्तावेजों के बजाय ऑनलाइन वेरिफिकेशन पर ज्यादा भरोसा कर रहा है, जिसके लिए जन्म प्रमाण पत्र, पैन और पासपोर्ट जैसे डेटाबेस को सीधे आधार सिस्टम से जोड़ दिया गया है। साथ ही, अब एआई (AI) तकनीक की मदद से बायोमेट्रिक जांच इतनी मजबूत कर दी गई है कि एक व्यक्ति के लिए एक से ज्यादा आधार कार्ड बनवाना नामुमकिन होगा।

फर्जीवाड़े पर लगाम और नई सॉफ्टवेयर तकनीक

आधार को और सुरक्षित बनाने के लिए UIDAI एक नया ‘यूनिवर्सल क्लाइंट सॉफ्टवेयर’ ला रहा है, जिसे जल्द ही देशभर की मशीनों पर अपडेट कर दिया जाएगा। इस नई तकनीक की मदद से QR कोड वाले दस्तावेजों को तुरंत स्कैन करके उनकी असलियत जांची जा सकेगी, जिससे नकली कागजात के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगेगी।

UIDAI प्रमुख ने बताया कि आधार ने उन 25 करोड़ लोगों को पहचान दी है जिनके पास पहले कोई आईडी नहीं थी। इतना ही नहीं, आधार के जरिए सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के खातों में पहुंचने से सरकार ने अब तक अपनी लागत से 40 गुना ज्यादा बचत की है।

आधार फेस ऑथेंटिकेशन से घर बैठे मिलेगी पेंशन और सरकारी सुविधाएं

आधार को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए UIDAI नई तकनीक पर जोर दे रहा है। वर्कशॉप के दौरान बताया गया कि हर दिन लगभग 9 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन किए जाते हैं, जिसमें अब फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा दिखाकर पहचान) को सबसे सुरक्षित और आसान माना जा रहा है।

इसकी मदद से बुजुर्गों को पेंशन जैसे कामों के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे घर बैठे ही अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे। UIDAI का कहना है कि नियमों में थोड़ी सख्ती फर्जीवाड़े को रोकने के लिए जरूरी है। आने वाले समय में आधार बनवाना और उसे अपडेट करना पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित होगा, जिससे आम लोगों को असली फायदा मिलेगा।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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