
केंद्र सरकार जल्द ही आधार कार्ड के इस्तेमाल को लेकर एक नया और महत्वपूर्ण नियम लागू करने वाली है। इस नए नियम के बाद, होटल या किसी भी इवेंट के आयोजकों को अब ग्राहकों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेने और उसे अपने पास जमा करके रखने की अनुमति नहीं होगी। सरकार का मानना है कि आधार की फोटोकॉपी का इस्तेमाल करना न केवल गलत है, बल्कि लोगों की निजी जानकारी (प्राइवेसी) के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इसीलिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया तरीका (फ्रेमवर्क) मंज़ूर किया है।
अब किसी भी संस्था को आधार का ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन (जाँच) करने के लिए पहले UIDAI में रजिस्टर होना ज़रूरी होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, वे QR कोड या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके सुरक्षित तरीके से आधार की जाँच कर पाएंगे। इस नियम को जल्द ही आधिकारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा।
आधार चेकिंग के नए नियम
नए आधार नियमों के अनुसार, अब होटल, इवेंट वाले और आयोजक जैसे सभी संगठन UIDAI के साथ रजिस्टर करेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें एक सुरक्षित ऑनलाइन सिस्टम (API) का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी।
इस सिस्टम की मदद से ये संस्थाएँ अब ग्राहकों के आधार कार्ड की जाँच डिजिटल तरीके से तुरंत कर सकेंगी, जिसके लिए उन्हें आधार की किसी भी कागज़ी कॉपी को रखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। UIDAI का मुख्य लक्ष्य आधार कार्ड की कागज़ी कॉपियों का इस्तेमाल बंद करना और इस तरह आधार डेटा के लीक होने के खतरे को कम करके उसे और अधिक सुरक्षित बनाना है।
अब मिलेगी ऑफलाइन वेरिफिकेशन की सुविधा
UIDAI एक नए आधार ऐप पर काम कर रहा है। यह ऐप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी दो डिवाइस के बीच तुरंत आधार वेरिफिकेशन की सुविधा देगा, जिससे हर बार सेंट्रल आधार सर्वर से जुड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा एयरपोर्ट, दुकानों, या इवेंट वाली जगहों पर बहुत उपयोगी होगी जहाँ उम्र या पहचान की जाँच ज़रूरी है। इसके अलावा, इस ऐप से यूज़र्स अपना पता आसानी से अपडेट कर पाएंगे और परिवार के उन सदस्यों को भी जोड़ पाएंगे जिनके पास अपना मोबाइल फ़ोन नहीं है।
सर्वर डाउन होने की दिक्कत खत्म
अब आधार वेरिफिकेशन के दौरान सर्वर डाउन होने से काम अटकेगा नहीं। नए सिस्टम में QR कोड और ऐप का इस्तेमाल होगा, जिससे वेरिफिकेशन की प्रक्रिया तकनीकी समस्याओं के बावजूद भी लगातार और बिना रुकावट चलती रहेगी, जिससे काम आसान और तेज़ हो जाएगा।
आधार प्राइवेसी और सुरक्षा में सुधार
UIDAI (यूआईडीएआई) ने आधार की सुरक्षा और निजता (प्राइवेसी) को मज़बूत करने के लिए एक नया तरीका शुरू किया है। इस नए प्रोसेस में आधार की फोटोकॉपी नहीं ली जाएगी, जिससे डेटा स्टोरेज का जोखिम खत्म हो जाएगा। इसका सीधा फायदा यह है कि आधार का दुरुपयोग होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। साथ ही, UIDAI एक नया ऐप भी बना रहा है, जिसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act) के नियमों के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जो अगले डेढ़ साल (18 महीनों) में लागू हो जाएगा।









