
साल 2025 के खत्म होने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं, जिसके साथ ही सातवें वेतन आयोग की अवधि भी समाप्त हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू हो सकता है। इसे लेकर देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में काफी उत्साह है। फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा ‘फिटमेंट फैक्टर’ को लेकर हो रही है, क्योंकि इसी पर कर्मचारियों की सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी निर्भर करेगी। कर्मचारी संगठन अपनी मांगों के साथ सरकार के अगले कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
8वें वेतन आयोग में 2.64 फिटमेंट फैक्टर की मांग
ऑल इंडिया एनपीएस इम्प्लॉई फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत पटेल ने स्पष्ट किया है कि सरकार से 2.64 फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग की गई है। यदि सरकार इस मांग को स्वीकार कर लेती है, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा उछाल आएगा। इससे चपरासी (लेवल 1) से लेकर आईएएस (लेवल 18) तक के सभी पदों की न्यूनतम और अधिकतम सैलरी का ढांचा बदल जाएगा। आसान शब्दों में कहें तो, फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से मूल वेतन और भत्तों में सीधे तौर पर बढ़ोत्तरी होगी, जिससे हर स्तर के कर्मचारी को आर्थिक लाभ मिलेगा।
चपरासी से IAS तक… 2.64 फिटमेंट फैक्टर से कितनी बढ़ेगी सैलरी?
| ग्रेड | वर्तमान बेसिक पे | अनुमानित बेसिक पे |
| Level 1 | ₹18,000 | ₹47,520 |
| Level 2 | ₹19,900 | ₹52,536 |
| Level 3 | ₹21,700 | ₹57,288 |
| Level 4 | ₹25,500 | ₹67,320 |
| Level 5 | ₹29,200 | ₹77,088 |
| Level 6 | ₹35,400 | ₹93,456 |
| Level 7 | ₹44,900 | ₹118,536 |
| Level 8 | ₹47,600 | ₹125,664 |
| Level 9 | ₹53,100 | ₹140,184 |
| Level 10 | ₹56,100 | ₹148,104 |
| Level 11 | ₹67,700 | ₹178,728 |
| Level 12 | ₹78,800 | ₹208,032 |
| Level 13 | ₹118,500 | ₹312,840 |
| Level 13 | ₹131,100 | ₹346,104 |
| Level 14 | ₹144,200 | ₹380,688 |
| Level 15 | ₹182,200 | ₹481,008 |
| Level 16 | ₹205,400 | ₹542,256 |
| Level 17 | ₹225,000 | ₹594,000 |
| Level 18 | ₹250,000 | ₹660,000 |
कब बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी?
7वें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है, जिससे उम्मीद है कि 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू हो सकता है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने में सरकार को लगभग दो साल का समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में, देरी होने पर कर्मचारियों को पिछले समय का बकाया यानी एरियर (Arrear) मिलने की भी पूरी संभावना है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर ?
फिटमेंट फैक्टर एक तरह का गुणांक (multiplier) है जिसका इस्तेमाल कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय करने के लिए किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो, आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाता है, जिससे आपकी सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होती है। फिटमेंट फैक्टर का आंकड़ा जितना ऊंचा होगा, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में उतनी ही ज्यादा वृद्धि होगी।
कैसे तय होती है आपकी बेसिक सैलरी? फिटमेंट फैक्टर का गणित
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर एक मुख्य आधार होता है। इसे निर्धारित करते समय देश की आर्थिक स्थिति और संस्थागत नियमों का ध्यान रखा जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो, आपकी पुरानी ‘बेसिक पे’ और ‘ग्रेड पे’ को जोड़कर, भविष्य में होने वाली सैलरी वृद्धि का सही आंकलन करने के लिए इस फैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे बढ़ेगी आपकी बेसिक सैलरी?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक (multiplier) है जो कर्मचारियों की पुरानी सैलरी को नए वेतनमान में बदलने का काम करता है। जब सरकार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाती है, तो आपकी बेसिक सैलरी सीधे तौर पर बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, यदि फिटमेंट फैक्टर 2.64 तय होता है, तो आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को इससे गुणा किया जाएगा। अगर किसी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो वह बढ़कर ₹47,250 हो जाएगी।
इसी तरह ₹50,000 की बेसिक सैलरी सीधे ₹1,32,000 तक पहुँच सकती है। खास बात यह है कि बेसिक सैलरी बढ़ने से आपके डीए (DA), एचआरए (HRA) और पीएफ (PF) जैसे अन्य भत्ते भी बढ़ जाते हैं, जिससे आपकी कुल इनहैंड सैलरी में बड़ा उछाल आता है।
फिटमेंट फैक्टर कैलकुलेशन टेबल (उदाहरण)
| मौजूदा बेसिक सैलरी | फिटमेंट फैक्टर (संभावित) | नई बेसिक सैलरी |
| ₹18,000 | 2.64 | ₹47,250 |
| ₹25,000 | 2.64 | ₹66,000 |
| ₹50,000 | 2.64 | ₹1,32,000 |
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर पर कर्मचारियों की मांग
ऑल इंडिया एनपीएस इम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.64 से अधिक होना चाहिए। उनका मानना है कि फिटमेंट फैक्टर में सम्मानजनक बढ़ोतरी ही कर्मचारियों के साथ सही न्याय होगा और वे इसे खुशी-खुशी स्वीकार करेंगे। यदि सरकार ने पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की, तो इससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ेगी और सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े होंगे। यह मांग इसलिए की जा रही है ताकि कर्मचारी महसूस कर सकें कि सरकार उनके कल्याण के लिए ठोस कदम उठा रही है।









