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UP Mega Project: 12 जिले, 594 KM लंबाई! Uttar Pradesh का गंगा एक्सप्रेसवे कब होगा चालू, जानें सभी फीचर

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट—594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे—12 जिलों को जोड़ेगा। यह कब चालू (शुरू) होगा और इसकी क्या खासियतें हैं? 120 किमी/घंटा की गति सीमा, 6-लेन डिजाइन, और यात्री सुविधाओं सहित सभी महत्वपूर्ण फीचर जानने के लिए पढ़ें।

By Pinki Negi

UP Mega Project: 12 जिले, 594 KM लंबाई! Uttar Pradesh का गंगा एक्सप्रेसवे कब होगा चालू, जानें सभी फीचर
UP Mega Project

भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक, उत्तर प्रदेश में लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है: पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच सड़कों की कनेक्टिविटी (जुड़ाव) का ठीक न होना। इस दूरी को खत्म करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही गंगा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल दूरी कम करेगा बल्कि लोगों का समय, पैसा और संसाधन भी बचाएगा।

पूरी तरह बनेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद राज्य के पश्चिम से पूरब तक सीधा और तेज़ रास्ता मिल जाएगा। इसके चालू होने पर, मेरठ से प्रयागराज तक का सफर आधे समय में पूरा हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से नया (ग्रीनफील्ड) बनाया जा रहा है, जिससे राज्य के कई ज़िलों का नक्शा बदल जाएगा और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मेरठ से प्रयागराज का सफर होगा आसान

यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा होगा, जो मेरठ के बिजौली गाँव से शुरू होकर प्रयागराज के जूदापुर दांदू गाँव तक जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को यूपीडा (UPEIDA) द्वारा बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि यह एक्सप्रेसवे 2026 की शुरुआत तक चालू हो जाएगा। इसके चालू होने के बाद, मेरठ से प्रयागराज का सफर, जिसमें अभी लगभग 12 घंटे लगते हैं, वह केवल 6 से 7 घंटे में पूरा हो जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे से 12 जिलों को मिलेगा सीधा फायदा

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा और मध्य/पूर्वी यूपी के संभल, बदायूं, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे लगभग 518 गाँवों से होकर निकलेगा, जिससे उन ग्रामीण क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा जहाँ अब तक अच्छी सड़क नहीं थी। इससे किसानों को अपनी फसलें जल्दी मंडियों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी, और गाँवों में रोजगार के नए मौके भी बनेंगे।

एक्सप्रेसवे का डिज़ाइन और खास बातें

गंगा एक्सप्रेसवे को छह लेन (Six-lane) का बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इस पर अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा है, जिससे लोग सुरक्षित और जल्दी यात्रा कर पाएंगे। यह प्रोजेक्ट DBFOT मॉडल पर आधारित है, जिसका मतलब है कि इसका डिज़ाइन, निर्माण, पैसा लगाना, चलाना और बाद में ट्रांसफर करना—ये सारी ज़िम्मेदारियाँ एक ही कंपनी की होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला (नींव) रखी थी।

गंगा एक्सप्रेसवे की प्रमुख सुविधाएँ और विशेषताएँ

  • टोल प्लाजा: एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल प्लाजा बनाए जाएँगे।
  • यात्री सुविधा केंद्र: यात्रियों की सुविधा के लिए नौ सर्विस सेंटर होंगे।
  • उपलब्ध सुविधाएँ: इन सेंटरों पर भोजन, शौचालय (रेस्ट रूम) और आराम करने की जगह (रेस्ट एरिया) उपलब्ध होगी।
  • गंगा पर पुल: गंगा नदी के ऊपर 960 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
  • रामगंगा पर पुल: रामगंगा नदी के ऊपर 720 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
  • ओवरब्रिज: यातायात को सुगम बनाने के लिए 18 फ्लाईओवर और आठ रोड ओवरब्रिज भी बनाए जाएँगे।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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