
मद्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में बढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई अब खतरे में है। स्कूल फ़ीस विवाद के कारण प्राइवेट स्कूल संचालकों ने राज्य शिक्षा केंद्र को चेतावनी दी है कि अगर 30 सितंबर तक बकाया फीस नहीं चुकाई जाती है, तो वह बच्चों को पढ़ाना बंद कर देंगे। भोपाल में लगभग 1200 प्राइवेट स्कूलों में 10 हज़ार के करीब RTE के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि फीस न मिलने की वजह से वे अब इन बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हैं।
क्या है पूरा मामला ?
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अजीत सिंह का कहना है कि सरकार ने शिक्षा के अधिकार (RTE) कानून के तहत कई बच्चों का एडमिस्शन प्राइवेट स्कूल में करवाया था। बच्चों की फ़ीस सरकार ने देनी है, लेकिन पिछले तीन साल से यह फ़ीस नहीं मिली है, जिस वजह से स्कूल संचालक परेशान है कि शिक्षकों की सैलरी फ़ीस पर निर्भर होती है। एसोसिएशन ने बताया कि इस बकाया फीस के लिए उन्होंने पहले भी राज्य शिक्षा केंद्र को ज्ञापन दिया था, पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
तीन साल से नहीं मिली फ़ीस
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि स्कूलों को पिछले तीन साल से फ़ीस नहीं मिली है। जिस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। उन्होंने राज्य शिक्षा केंद्र को पत्र लिखकर साफ़ कर दिया है कि अगर 30 सितंबर तक फीस का भुगतान नहीं हुआ, तो RTE के तहत पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ा पाना स्कूलों के लिए मुश्किल हो जाएगा।