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Income Tax Rules on Bank Deposits: बैंक में पैसा जमा करने पर देना पड़ सकता है 60% टैक्स, जानें ये नए नियम

बैंक में बड़ी मात्रा में नकदी जमा करने पर उसका स्रोत न साबित कर पाने की स्थिति में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 68 के तहत 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस मिलाकर करीब 78% तक टैक्स देना पड़ सकता है। सही रिकॉर्ड और प्रमाण हो तो भारी टैक्स व नोटिस से बचा जा सकता है।

By Pinki Negi

Income Tax Rules on Bank Deposits: बैंक में पैसा जमा करने पर देना पड़ सकता है 60% टैक्स, जानें ये नए नियम

भारत में आज हर कोई अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में जमा करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपने बड़ी मात्रा में कैश (नकदी) बैंक में जमा किया और उसका स्रोत साबित नहीं कर सके, तो आप पर 60% तक का टैक्स लग सकता है?

बहुत से लोग यह समझते हैं कि बैंक में पैसा जमा करने पर कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे सभी बड़े ट्रांजेक्शन पर नजर रखता है। चलिए जानते हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में यह टैक्स लगता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

कब लगता है 60% टैक्स?

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 68 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति बैंक खाते में बड़ी रकम जमा करता है और जब इनकम टैक्स अधिकारी उससे पूछते हैं कि यह पैसा कहाँ से आया, और वह इसका स्रोत साबित नहीं कर पाता — तो उस रकम को ‘Unexplained Cash Credit’ माना जाता है।

ऐसी स्थिति में टैक्स विभाग इसे टैक्स योग्य आय मानकर भारी टैक्स लगाता है। इस पर टैक्स की दर 60% होती है। इसके अलावा 25% Surcharge और 4% Health & Education Cess भी लगाया जाता है। इन सब को मिलाकर कुल प्रभावी टैक्स दर लगभग 78% तक पहुंच जाती है। यानी यदि आप 10 लाख रुपये का स्रोत नहीं बता पाते, तो करीब 7.8 लाख रुपये सिर्फ टैक्स के रूप में देने पड़ सकते हैं!

कितनी रकम पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रखता है नजर

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास सभी बैंकों से रिपोर्टिंग सिस्टम जुड़ा होता है। बैंक हर बड़े कैश ट्रांजेक्शन की जानकारी सीधे विभाग को भेजते हैं। नियमों के अनुसार:

  • बचत खाता (Savings Account): अगर एक वित्तीय वर्ष में ₹10 लाख या उससे ज्यादा नकदी जमा होती है, बैंक उसे रिपोर्ट करता है।
  • चालू खाता (Current Account): एक वित्तीय वर्ष में ₹50 लाख या उससे अधिक नकदी जमा होने पर जानकारी टैक्स विभाग तक पहुंचाई जाती है।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट: ₹10 लाख या अधिक का एफडी कराने पर भी PAN देना अनिवार्य होता है।

इसलिए यदि आपके खाते में अचानक भारी रकम जमा होती है, तो विभाग को इसकी खबर मिल जाती है। इसलिए यह मान लेना कि नकद लेनदेन “नज़र से बच जाएगा”, अब लगभग असंभव है।

टैक्स से कैसे बचें

अगर आपने अपनी आय का स्रोत पहले से ही घोषित किया हुआ है, तो आपको किसी तरह का डर नहीं होना चाहिए। टैक्स तब लगता है जब जमा की गई राशि का हिसाब आप साबित नहीं कर पाते।

1. आय का स्रोत बताएं:
अगर आपने यह नकद अपने घोषित व्यवसाय, सैलरी, या कृषि आय से हासिल किया है और आपके पास इसका रिकॉर्ड (रसीद, सेल बुक, बैंक एंट्री आदि) है, तो टैक्स विभाग आपको परेशान नहीं करेगा।

2. सच्ची आय की जानकारी दें:
हर वित्तीय वर्ष में अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) समय पर दाखिल करें और वास्तविक आय का सही ब्योरा दें। अगर आपने पहले से टैक्स चुका दिया है और वही रकम बैंक में जमा की है, तो कोई पेनाल्टी या टैक्स नहीं लगेगा।

3. आवश्यक डॉक्यूमेंट रखें:
सभी बड़े नकद लेनदेन — चाहे वह कारोबार का हो या निजी निवेश का उसका उचित रिकॉर्ड रखें। जरूरत पड़ने पर वही आपका सबसे बड़ा बचाव बनेगा।

4. पैन कार्ड ज़रूरी है:
₹50,000 या उससे अधिक नकद जमा करते समय PAN देना अनिवार्य है। इससे ये स्पष्ट होता है कि लेनदेन टैक्स-रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।

किन्हें नहीं होगी समस्या

  • अगर आपने नकदी अपने बैंक अकाउंट में पहले से घोषित आय के अंतर्गत जमा की है।
  • अगर यह रकम किसी वैध स्रोत जैसे प्रॉपर्टी सेल, इनवेस्टमेंट रिटर्न, या गिफ्ट के रूप में है और उसका दस्तावेजी सबूत मौजूद है।
  • अगर आपने बैंक या टैक्स पोर्टल पर इस ट्रांजेक्शन को पहले से रिपोर्ट किया हुआ है।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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