
पुरानी कार खरीदते या बेचते समय लोग अक्सर कागज़ों को लेकर लापरवाही बरतते हैं, जिससे आगे चलकर बड़ा कानूनी संकट खड़ा हो सकता है। दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया कार ब्लास्ट मामले से यही बात सामने आई है।
विस्फोट में इस्तेमाल हुई कार कई बार बेची गई थी, लेकिन हर बार मालिक का नाम ट्रांसफर (Ownership Transfer) करने की प्रक्रिया अधूरी रह गई। इस घटना ने यह सवाल फिर से खड़ा कर दिया है कि किसी भी कानूनी झंझट से बचने के लिए कार की ओनरशिप ट्रांसफर करवाना कितना ज़रूरी है।
कार बेचने के बाद भी नाम ट्रांसफर कराना क्यों ज़रूरी है?
बहुत से लोग कार बेचकर अपनी जिम्मेदारी खत्म मान लेते हैं, पर कानूनी रूप से ऐसा नहीं है। जब तक RTO रिकॉर्ड में गाड़ी का नाम नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर नहीं हो जाता, तब तक पुराना मालिक ही जिम्मेदार माना जाता है। यदि बेची गई गाड़ी किसी दुर्घटना या आपराधिक घटना में शामिल होती है, तो पुलिस सबसे पहले पुराने मालिक से संपर्क करती है, जिसके कारण उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर और मुआवजे का बोझ उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा, ट्रैफिक के चालान और पार्किंग के जुर्माने भी पुराने मालिक के नाम पर ही आते रहते हैं।
पुरानी कार खरीदते समय कागज़ात की जाँच सबसे जरुरी
पुरानी कार खरीदते समय सिर्फ गाड़ी की भौतिक स्थिति देखना ही काफी नहीं है, बल्कि उसके कागज़ात की जाँच करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। आपको विक्रेता की पहचान (ID), पता प्रमाण (Address Proof) और पैन कार्ड की सत्यापित कॉपी ज़रूर लेनी चाहिए।
खरीदारी से पहले रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में यह भी जाँच लें कि गाड़ी पर कोई पेंडिंग चालान या टैक्स तो नहीं है, ताकि बाद में यह बोझ आप पर न पड़े। इसके अलावा, यदि कार लोन पर थी, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए बिना सौदा बिल्कुल न करें।
पुरानी कार बेचते समय इन बातों का रखें खास ध्यान
अपनी पुरानी कार बेचते समय हमेशा सीधे खरीदार से ही डील करें ताकि बिचौलिए के कारण गाड़ी बार-बार हाथ न बदले और नाम तुरंत ट्रांसफर हो जाए, क्योंकि नाम ट्रांसफर न होने पर भविष्य में सारी परेशानी पुराने मालिक (आप) पर ही आती है। RTO के पूरे भरे हुए फॉर्म पर ही साइन करें, कभी भी खाली या अधूरे फॉर्म पर हस्ताक्षर न करें। जैसे ही कार बिक जाए, अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को तुरंत कैंसिल करें और खरीदार को नई पॉलिसी लेने को कहें। साथ ही, खरीदार के दस्तावेज़ (ड्राइविंग लाइसेंस और पता) की कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें।
एक डिलीवरी नोट बनाना बहुत ज़रूरी
जब भी आप अपनी गाड़ी किसी को सौंपें, तो एक डिलीवरी नोट बनाना बहुत ज़रूरी है। इस नोट में गाड़ी सौंपने की तारीख, समय और गाड़ी को कब तक ट्रांसफर (हस्तांतरित) करवाना है, यह जानकारी साफ तौर पर लिखी होनी चाहिए। इस दस्तावेज़ पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के साथ-साथ दो गवाहों के नाम और पते भी ज़रूर दर्ज होने चाहिए ताकि बाद में कोई विवाद न हो।









