
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की सीमाओं को मज़बूत करने के अपने प्रयास में लगे हुए हैं, ताकि उन लोगों को देश में प्रवेश न करने दिया जाए जिन्हें वह अस्वीकार करते हैं। अमेरिका ने हाल ही में 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। यह आदेश 9 जून, 2025 से प्रभावी हुआ है। यह प्रतिबंध अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और विदेशी सरकारों की अपर्याप्त जाँच प्रक्रियाओं (Inadequate Screening Procedures) का हवाला देते हुए लगाया गया है।
‘थर्ड वर्ल्ड कंट्री’ का वास्तविक अर्थ
‘थर्ड वर्ल्ड कंट्री’ शब्द का इस्तेमाल अब अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और अर्थशास्त्र में आधिकारिक तौर पर नहीं किया जाता है, लेकिन इसका एक ऐतिहासिक संदर्भ है:
- शीत युद्ध का विभाजन: यह शब्द शीत युद्ध (Cold War, 1947-1991) के दौरान अस्तित्व में आया था। उस समय दुनिया के देशों को तीन गुटों में बाँटा गया था:
- फर्स्ट वर्ल्ड: अमेरिका और पश्चिमी यूरोपीय देशों जैसे विकसित, पूँजीवादी देश।
- सेकंड वर्ल्ड: सोवियत संघ (USSR) और उसके सहयोगी, साम्यवादी देश।
- थर्ड वर्ल्ड: वे देश जो किसी भी गुट में शामिल नहीं थे। इनमें मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के हाल ही में आज़ाद हुए, गरीब या विकासशील देश शामिल थे।
- वर्तमान उपयोग: आज यह शब्द अक्सर आर्थिक रूप से पिछड़े, अस्थिर राजनीतिक व्यवस्था वाले, या विकासशील देशों के लिए अनौपचारिक रूप से उपयोग किया जाता है।
वे 12 देश जिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा है
इन 12 देशों के नागरिकों के लिए अप्रवासी (Immigrant) या गैर-अप्रवासी (Non-Immigrant) के रूप में अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है:
- अफगानिस्तान (Afghanistan)
- म्यांमार (Myanmar)
- चाड (Chad)
- कांगो गणराज्य (Republic of the Congo)
- इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea)
- इरिट्रिया (Eritrea)
- हैती (Haiti)
- ईरान (Iran)
- लीबिया (Libya)
- सोमालिया (Somalia)
- सूडान (Sudan)
- यमन (Yemen)
ट्रंप के बैन से एथलीट और राजनयिक बाहर
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह यात्रा प्रतिबंध उन एथलीटों पर लागू नहीं होगा जो 2026 फुटबॉल वर्ल्ड कप (जिसे अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के साथ होस्ट करेगा) या 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। साथ ही, इन देशों के राजनयिकों (Diplomats) को भी इस बैन से बाहर रखा गया है।
हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इस प्रतिबंध की व्यापकता पर अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत चिंता जताई है, जबकि अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों ने इसे कठोर और असंवैधानिक बताया है।
ग्रीन कार्ड की सख़्त जाँच का आदेश
व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी की घटना के बाद, US सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़ (USCIS) ने चिंताजनक देशों के हर व्यक्ति के ग्रीन कार्ड की सख़्ती से पूरी जाँच का आदेश दिया है। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने अफ़गानिस्तान से आने वाले इमिग्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग पर भी तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया है।









