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सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल बाद विधवा को दिलाया रेलवे से मुआवजा, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने एक विधवा को 23 साल के लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार रेलवे से मुआवज़ा दिलवाया। जानिए न्याय के लिए चली इस ऐतिहासिक कानूनी लड़ाई की पूरी कहानी और कैसे शीर्ष अदालत ने भुगतान सुनिश्चित कराया।

By Pinki Negi

सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल बाद विधवा को दिलाया रेलवे से मुआवजा, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट

साल 2002 में सैयनोक्ता देवी के पति विजय सिंह की मौत भीड़ के कारण ट्रेन (भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस) से गिर जाने से हो गई थी। उनके पास ट्रेन का वैध टिकट था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि रेलवे सैयनोक्ता देवी को उनके पति की मौत का मुआवजा दे।

पत्नी ने की मुआवजे की मांग

ट्रेन दुर्घटना में पति की मौत के बाद पत्नी ने मुआवजे का दावा किया, लेकिन रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल और पटना हाईकोर्ट ने यह कहकर इसे खारिज कर दिया कि मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इस फैसले से निराश होकर पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों निचली अदालतों के फैसलों को पलट दिया और कहा कि अगर मृतक मानसिक रूप से अस्वस्थ होता, तो वह खुद टिकट नहीं खरीद पाता और अकेले ट्रेन में चढ़ने की कोशिश भी नहीं करता।

सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को आदेश दिया था कि वह मृतक की पत्नी को 6% ब्याज के साथ चार लाख रुपये का मुआवज़ा दो महीने के भीतर दे। लेकिन वकील के निधन और गलत पते की वजह से रेलवे यह राशि नहीं दे पा रहा था, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मदद मांगी। इस पर कोर्ट ने पूर्वी रेलवे के प्रमुख प्रबंधक को निर्देश दिया कि वे सार्वजनिक नोटिस जारी करें ताकि महिला तक सूचना पहुंच सके। साथ ही, नालंदा पुलिस और भटियारपुर थाना को भी महिला का पता लगाने और उसे मुआवजा दिलाने का काम सौंपा गया है।

अगली सुनवाई 24 नवंबर को

बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी की मदद से उस महिला और उसके परिवार का सही ठिकाना मिल गया है। कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों और स्थानीय पुलिस अधिकारी (SHO) को निर्देश दिया है कि वे महिला के बैंक खाते में मुआवज़े की राशि जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि ग्राम पंचायत के सदस्य भी महिला की पहचान सुनिश्चित करने में सहयोग करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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