
जो लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगवाने की सोच रहे हैं, उन्हें अब ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। बाज़ार में सोलर स्ट्रक्चर और तारों (wires) की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण सोलर पैनल लगवाने की कुल लागत बढ़ गई है। इसके बावजूद, बिजली के भारी बिलों से छुटकारा पाने और पर्यावरण की सुरक्षा में मदद करने के फायदे देखते हुए, सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन महंगा होने की मुख्य वजहें
इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, सोलर पैनल लगवाने की लागत में बढ़ोतरी का मुख्य कारण कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्य हिमांशु रावत ने बताया कि केबल (तार) के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे 3 किलोवाट के पैनल पर लगभग ₹1500 का अतिरिक्त खर्च आ रहा है।
वहीं यूपीरेडा के अध्यक्ष संचित गर्ग ने बताया कि सोलर पैनल को स्थिर करने वाले धातु के ढांचे (सोलर स्ट्रक्चर) की कीमतें भी बढ़ गई हैं। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में स्टील और एल्युमीनियम जैसे कच्चे माल के महंगा होने के कारण हुई है।
सोलर पैनल लगवाने का चलन बढ़ा
लखनऊ में ‘पीएम सूर्य घर योजना’ के तहत सोलर पैनल लगवाने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है, जहाँ हर महीने औसतन 1500 से 2000 लोग आवेदन कर रहे हैं। शहर में पहले से ही लगभग 55,000 घरों में सोलर पैनल कनेक्शन मौजूद हैं।
जीएसटी दरों में कटौती के कारण पहले 3 किलोवाट पैनल की लागत ₹1.80 लाख से घटकर ₹1.70-1.75 लाख हो गई थी, जिससे आवेदकों की संख्या में उछाल आया। हालांकि, अब सोलर स्ट्रक्चर और केबल के दाम बढ़ने से ग्राहकों के लिए यह लागत फिर से बढ़ सकती है, जिससे उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सोलर प्लांट के दो बड़े फायदे
सोलर प्लांट लगाने का दोहरा फायदा होता है: यह न केवल आपके बिजली के बिल में भारी बचत करता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बहुत फायदेमंद है। सोलर ऊर्जा एक टिकाऊ और सुरक्षित स्रोत है जो पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है। इसे अपनाने से हम कोयला और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं, जिससे हमारा भविष्य और भी हरित (Green) बन सकेगा।








