
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है और मंदिर के शिखर पर ध्वज भी फहराया जा चुका है। विवाह पंचमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खास केसरिया धर्म ध्वजा को फहराने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई अन्य बड़ी हस्तियां भी मौजूद रहीं। इस मौके पर उन सभी लोगों को भी आमंत्रित किया गया, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए दान दिया था।
राम मंदिर के लिए जुटा चंदा
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, अब तक इस मंदिर के निर्माण के लिए ₹3,000 करोड़ से अधिक राशि दान स्वरूप मिल चुकी है। यह रकम लाखों सामान्य लोगों के योगदान से जुटी है, वहीं कई बड़ी हस्तियों ने भी अपने हिस्से का भरपूर योगदान दिया है। मंदिर निर्माण की कुल लागत अनुमानित ₹1,800 करोड़ तक है, जिसमें से लगभग ₹1,500 करोड़ की बिलिंग पहले ही पूरी हो चुकी है। 2022 में जो चंदा अभियान शुरू हुआ था, वह आज तक सफलतापूर्वक चला आ रहा है।
सबसे बड़ा दान: 101 किलो सोना
राम मंदिर के लिए दान देने वालों की लंबी फेहरिस्त में सबसे उल्लेखनीय योगदान सूरत के हीरा व्यापारी दिलीप कुमार वी. लाखी का है। उन्होंने 101 किलोग्राम सोना मंदिर निर्माण के लिए दान किया, जिसकी वर्तमान बाजार कीमत करीब ₹100 करोड़ से अधिक है। यह दान मंदिर के लिए आज तक का सबसे बड़ा योगदान माना जाता है। इसके अलावा समाज के कई अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु जैसे मोरारी बापू ने भी मंदिर निर्माण के लिए ₹18.6 करोड़ का दान दिया। इनके योगदान ने इस महान कार्य को और मजबूती दी है।
छोटे से लेकर बड़े दानदाता
राम मंदिर के निर्माण में सिर्फ बड़े दानदाताओं का ही योगदान नहीं है, बल्कि आम जनता की भावनाएं और छोटे-छोटे दान भी परियोजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देशभर से लाखों लोगों ने अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए पैसे दान किए हैं। यह दर्शाता है कि मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक सांस्कृतिक प्रतीक भी बन गया है।
मंदिर निर्माण: पूरी जनता की जीत
राम मंदिर के शिखर पर लगे इस ध्वज का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह पूरे भारत की एकजुटता और श्रद्धा का प्रतीक है। जो भी इस परियोजना में अपना योगदान दे रहा है, वह इस मंदिर की सफलता का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रमुख मौजूदगी से इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को पार्टीकुलर श्रद्धा और सम्मान मिला। अब जब मंदिर का निर्माण पूरा होने के करीब है, तो यह सभी दानदाताओं की मेहनत और देशवासियों की आस्था का परिणाम है।









