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Property Inheritance Law for Daughters: पिता की संपत्ति में बेटियों को मिलेगा बराबर का हक! सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या हैं आपके अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में स्पष्ट किया है कि अब बेटियों को पिता की संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार मिलेगा। यह फैसला हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 6 के तहत महिलाओं के समान अधिकारों को मजबूत करता है। जानिए कोर्ट के इस निर्णय से बेटियों को क्या-क्या कानूनी हक मिलेंगे।

By Pinki Negi

Property Inheritance Law for Daughters: पिता की संपत्ति में बेटियों को मिलेगा बराबर का हक! सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या हैं आपके अधिकार

देश में आज भी प्रॉपर्टी को लेकर वाद-विवाद के मामले बेहद ही आम है। खासतौर पर जब बात बेटी के अधिकारों की आती है तो समाज में लोग केवल बेटों को ही अपनी प्रॉपर्टी का उत्तरधिकारी मानकर बेटियों के साथ भेदभाव करते हैं। बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता की बेटियां भी पिता की संपत्ति में बराबरी की अधिकारी होती है, ऐसे में कानून ने बेटियों को पिता की संपत्ति में क्या अधिकार दिए हैं और किन मामलों में वह संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती हैं, चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।

क्या कहता है बेटियों के अधिकार पर कानून

बता दें भारत में बेटियों को भी पिता की संपत्ति पर अधिकार दिलाने के लिए कानून बने हुए है, साल 1956 में लागू हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में 2005 संसोधन करके बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के समान अधिकार दिए गए हैं। इस कानून के तहत बेटियों को पिता की सम्पत्ति पर बेटों के समान अधिआर दिए गए हैं। यह कानून सुनिश्चित करता है की बेटियां भी अपने पिता की पैतृक संपत्ति में जन्म अधिकार प्राप्त कर सकें।

कब नहीं मिलता बेटी को पिता की संपत्ति में अधिकार

कुछ मामलें ऐसे भी हैं जहाँ बेटियां पिता की संपत्ति पर अधिकारी प्राप्त नहीं कर सकती है। जिसमें सामान्य स्थिति यह है जब पिता अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का विवरण कर चुके होते हैं। इसके अलावा यदि पिता ने अपनी स्व-अर्जित संपत्ति को किसी विशेष उत्तराधिकारी को दे दी है ऐसे मामले में बेटी उस संपत्ति ओर दावा नहीं कर सकती।

हालाँकि यदि प्रॉपर्टी पिता द्वारा स्व-अर्जित नहीं है तो पैतृक संपत्ति के मामले में बेटी अपने अधिकारों की मांग कर सकती है। ऐसी स्थिति में पिता प्रॉपर्टी के लिए किसी एक व्यक्ति को अपना उत्तराधिकारी नहीं बना सकता।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय

प्रॉपर्टी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने विनीता शर्मा बनाम रकेश शर्मा एससी 641 के मामलें में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया की बेटी को जन्म से ही अपने पिता की पैतृक संपत्ति में अधिकार प्राप्त होता है। इस फैसले में कहा गया की 2005 के संशोधन की तिथि पर पिता जीवित है या नहीं, यह बात अप्रासंगिक है। बेटी अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी होती है और इसका दावा वह 2005 के संशोधन की तिथि से ही कर सकती है यानी बेटियों को भी उनके पिता की संपत्ति में उतना ही अधिकार मिलेगा जितना बेटों को मिलता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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