
Islamic NATO: हाल ही में सऊदी अरब और पाकिस्तान ने NATO के साथ एक बड़ा सैन्य समझौता किया है। इस समझौते से पता चलता है कि अब सऊदी अरब अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ़ अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहता, बल्कि वह दूसरे देशों के साथ भी संबंध मज़बूत कर रहा है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कतर में इज़रायल के मिसाइल हमलों के बाद से खाड़ी देशों में डर का माहौल है। इस ऐतिहासिक समझौते पर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सऊदी की राजधानी रियाद में दौरे में है।
भारत की चिंता बढ़ी
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच नया रक्षा समझौता होने से भारत की चिंता बढ़ गई है। इस समझौते के तहत, अगर कोई एक देश पर हमला करता है, तो उसे दूसरे पर भी हमला माना जाएगा। सऊदी अधिकारी ने बताया कि इससे उनकी रक्षा क्षमता और मजबूत होगी। यह एक बड़ा रक्षा समझौता है, जिसमें किसी भी हमले से निपटने के लिए सभी तरह के सुरक्षा और सैन्य साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
खाड़ी देशों को अपनी सुरक्षा की चिंता
कतर पर हुए इज़रायली हमले के बाद, अमेरिका के साथ खाड़ी देशों का रिश्ता कमज़ोर हो रहा है, जिस वजह से अब खाड़ी देशों को अपनी सुरक्षा की चिंता हो रही है। उन्हें लगा रहा है कि इस क्षेत्र में इज़रायल अपनी मनमानी करेगा। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ एक रक्षा समझौता किया है और इसकी जानकारी अमेरिका को भी दी है।
पाकिस्तान और सऊदी अरब समझौते से भारत की टेंशन बढ़ी
पाकिस्तान और सऊदी अरब का समझौता मई में हुए सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद हुआ है। इस समझौते से भारत की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि इसकी शर्तों के अनुसार, अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो सऊदी अरब भी इस युद्ध में शामिल हो जाएगा। हालाँकि सऊदी ने ऐसे किसी भी देश के खिलाफ नहीं बोला है। सऊदी के अधिकारी ने बताया कि यह समझौता कई सालों की बातचीत का नतीजा है, न कि किसी खास घटना की प्रतिक्रिया। इस समझौते से दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते बनेगें।