
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में SIR (Special Summary Revision) को लेकर विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया। विपक्ष का आरोप था कि यह प्रक्रिया केवल चुनाव वाले राज्यों में शुरू की जा रही है। शाह ने स्पष्ट किया कि SIR एक चरणबद्ध प्रक्रिया है, जिसे चुनाव आयोग समय-समय पर कराता है।
उन्होंने कहा कि 2026 में यह उन राज्यों में होगी जहाँ चुनाव हैं, और 2027 में उन राज्यों में भी होगी जहाँ चुनाव नहीं हैं। गृह मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची में केवल देश के असली नागरिक ही शामिल हों।
मतदाता सूची और NRC पर गृह मंत्री ने कहा…
गृह मंत्री (शाह) ने स्पष्ट किया कि देश में ‘एसआईआर’ (SIR) प्रक्रिया 1955 से चल रही है और यह 2004 तक भी जारी रही थी, जिसमें कोई नई बात नहीं है, और यह अधिकतर कांग्रेस सरकार के समय हुआ। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने का काम चुनाव आयोग करेगा, और जो लोग इसमें शामिल नहीं हो पाएँगे, उनके मुद्दे पर चुनाव आयोग के साथ बैठकर विचार किया जाएगा। एनआरसी (NRC) कब होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि समय आने पर इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
‘अभद्र भाषा’ पर अमित शाह का कांग्रेस पर पलटवार
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई ‘अभद्र’ टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शाह ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही पीएम मोदी के खिलाफ ऐसी भाषा इस्तेमाल करती आई है, जैसा कि पहले मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं ने किया था।
हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम मोदी वोटों के लिए मंच पर ‘नाच’ सकते हैं और खरगे ने कहा कि पीएम मोदी बिहार में ‘ऐसे घूम रहे हैं जैसे उनके बेटे की शादी हो’। शाह ने चेतावनी देते हुए कहा, “आप हमारे पीएम और भाजपा पर जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलकर बाहर आएगा।”
‘फ्रीबीज’ के आरोपों पर अमित शाह का जवाब
भाजपा और एनडीए की चुनावी घोषणाओं को ‘फ्रीबीज’ (मुफ्तखोरी) कहे जाने के आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वंचित वर्ग, दलित, महिला, युवा और किसान को अच्छी स्थिति में लाना किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर गरीब को मिला है और देश का विकास सर्व-स्पर्शीय और समावेशी होना चाहिए।
शाह ने कहा कि गरीबों को लाभ देना किताबी व्याख्या से अलग एक सिद्धांत है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में बुनियादी संरचना और कानून व्यवस्था की बदौलत बिहार तेज़ी से आगे बढ़ेगा, क्योंकि राज्य के युवाओं में आईटी, डाटा स्टोरेज और सॉफ्टवेयर में अपार संभावनाएँ हैं।
अमित शाह ने PM मोदी के प्रचार का बचाव किया
अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कम प्रचार करने की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री (PM) मोदी को अपनी बातें और घोषणाएँ लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने का पूरा अधिकार है, क्योंकि वह सरकार के मुखिया हैं और उन्हें लोग वोट देते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि लोगों से संपर्क करना हर राजनीतिक पार्टी की जिम्मेदारी है। शाह ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और खड़गे को सलाह दी कि वे जितनी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करेंगे, कमल (बीजेपी) उतना ही ज़्यादा खिलेगा।








