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Delhi–Mumbai Expressway: इन 18 गांवों की जमीन बनी सोने से भी कीमती, एक्सप्रेसवे के पास बस रहा NCR का आधुनिक इंडस्ट्रियल सिटी

दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे बसे 18 गाँवों की ज़मीन रातों-रात सोने से भी ज़्यादा कीमती हो गई है! यहाँ एनसीआर (NCR) का एक आधुनिक औद्योगिक शहर (Industrial City) बस रहा है, जो विकास की नई कहानी लिखेगा। इन बदलावों और निवेश के अवसरों को जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर।

By Pinki Negi

Delhi–Mumbai Expressway: इन 18 गांवों की जमीन बनी सोने से भी कीमती, एक्सप्रेसवे के पास बस रहा NCR का आधुनिक इंडस्ट्रियल सिटी
Delhi Mumbai Expressway

हरियाणा सरकार ने राज्य के विकास को गति देने के लिए एक बड़ी परियोजना शुरू की है। अब, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे एक आधुनिक औद्योगिक शहर बसाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस परियोजना से हरियाणा का रियल एस्टेट बाजार नई ऊंचाइयों को छुएगा और साथ ही किसानों की समृद्धि के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे।

किन गाँवों की जमीन होगी अधिग्रहण

एक नया औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए फरीदाबाद और पलवल ज़िलों के नौ गाँवों की लगभग 9,000 एकड़ ज़मीन ली जाएगी। जमीन बेचने के लिए ज़रूरी आवेदन पूरे हो चुके हैं। जिन गाँवों की जमीन खरीदी जानी है, उनमें फरीदाबाद के छांयसा और मोहना गाँव शामिल हैं, जबकि पलवल ज़िले से मोहियापुर, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर, सोलड़ा, और थंथरी गाँव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।

HSIIDC की नई जिम्मेदारी

इस औद्योगिक शहर को विकसित करने का काम हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) को दिया गया है। सरकार को विश्वास है कि यह परियोजना हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र को एक नई पहचान देगी। इसके फलस्वरूप, राज्य में लाखों नए रोज़गार के साथ-साथ उद्योग और निवेश के बड़े अवसर पैदा होंगे।

ग्रेटर फरीदाबाद का नया विकास

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) ग्रेटर फरीदाबाद में एक बड़ा विकास करने जा रहा है। इसके तहत, 18 गांवों की लगभग 4,500 एकड़ जमीन ली जाएगी और सेक्टर 94ए से लेकर 142 तक का विकास किया जाएगा। इस परियोजना से क्षेत्र में नए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और यहाँ का शहरी विकास तेज़ी से बढ़ेगा।

इन गांवों में बढ़ेगी ज़मीन की कीमत

खेड़ी कलां, नचौली, ताजुपुर, ढहकौला, शाहबाद, भैंसरावली, जसाना, और तिगांव जैसे गांवों को जल्द ही रिहायशी ज़ोन में शामिल किया जाएगा। इस बदलाव के कारण यहां के सर्कल रेट में वृद्धि होगी, जिससे इन क्षेत्रों की जमीन की कीमतों में भारी उछाल आने की संभावना है। इस कदम से न केवल नए आवासीय क्षेत्रों का तेज़ी से विकास होगा, बल्कि स्थानीय बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) को भी बड़ी मजबूती मिलेगी।

भूमि अधिग्रहण के लिए विशेष कैंप

सरकार ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए गाँवों में विशेष शिविरों (Special Camps) का आयोजन किया था। इन शिविरों का उद्देश्य लोगों के काम को सुचारु रूप से पूरा करना था। ये विशेष कैंप साहुपुरा, सोतई, सुनपेड़, जाजरू और मलेरना जैसे गाँवों में लगाए गए थे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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