
अगर आपको ‘Life Certificate Rejected’ होने का SMS मिला है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल, हर महीने समय पर पेंशन मिलती रहे, इसके लिए पेंशनरों को साल में एक बार जीवन प्रमाण पत्र जमा करना ज़रूरी होता है। पहले यह काम मुश्किल था, लेकिन अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब पेंशनर बैंक या दफ्तर जाए बिना, घर बैठे ही अपने स्मार्टफोन से मिनटों में जीवन प्रमाण जमा कर सकते हैं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट क्यों होता है रिजेक्ट?
कई बार जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करने के बाद मैसेज आता है कि आपका डिजिटल सर्टिफिकेट रिजेक्ट हो गया है, जिससे पेंशनरों को समझ नहीं आता कि क्या करें। अगर आपके परिवार में भी कोई पेंशनर इस समस्या से परेशान है, तो पहले यह जानना ज़रूरी है कि सर्टिफिकेट किन कारणों से रिजेक्ट होता है, उसका स्टेटस कैसे चेक करें, और इसे दोबारा सही तरीके से कैसे जमा किया जाए।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र क्या है ?
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन प्रमाण पत्र) आधार-आधारित बायोमेट्रिक सर्टिफिकेशन है। इसकी मदद से केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनभोगी बिना बैंक या सरकारी दफ्तर गए यह साबित कर सकते हैं कि वे जीवित हैं। पेंशनर के आधार और उंगलियों के निशान (बायोमेट्रिक) से एक यूनिक सर्टिफिकेट बनता है, जो सीधे पेंशन जारी करने वाले बैंक या विभाग को भेज दिया जाता है।
DLC स्टेटस ऐसे चेक करें
यह जानने के लिए कि आपका डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) स्वीकार हुआ है या नहीं, इसका सबसे आसान तरीका जीवन प्रमाण की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। यहाँ आपको अपनी प्रमाण आईडी डालनी होगी। DLC डाउनलोड करते समय ही स्क्रीन पर स्पष्ट रूप से दिख जाएगा कि आपका लाइफ सर्टिफिकेट मंजूर, लंबित है या खारिज । SMS मिले या न मिले, यह तरीका सबसे भरोसेमंद है।
लाइफ सर्टिफिकेट रिजेक्ट होने के मुख्य कारण
जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) कई बार गलत जानकारी या बायोमेट्रिक समस्या के कारण रिजेक्ट हो जाता है। इसके मुख्य कारणों में गलत PPO नंबर, बैंक या ट्रेजरी की गलत जानकारी, आधार की डिटेल मैच न होना, या फिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन का सही से न होना शामिल है। इसके अलावा, अधिक उम्र या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी बायोमेट्रिक स्पष्ट न होने पर सर्टिफिकेट खारिज हो जाता है।
लाइफ सर्टिफिकेट रिजेक्ट होने पर क्या करें
यदि आपका लाइफ सर्टिफिकेट रिजेक्ट हो गया है, तो सबसे पहले अपनी पेंशन देने वाली संस्था (PDA) से संपर्क करके रिजेक्शन का कारण जानें। इसके बाद आपको नया डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) बनाकर दोबारा सबमिट करना होगा। इस दौरान ध्यान रखें कि PPO नंबर, नाम, जन्मतिथि और बैंक डिटेल आधार से पूरी तरह मेल खानी चाहिए, और फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन साफ और सही तरीके से लिया गया हो। जीवन प्रमाण की गाइडलाइन के अनुसार, गलत जानकारी होने पर नई Pramaan ID बनाकर दोबारा आवेदन करना ही सबसे सही तरीका है।









