
शहर में अपराध करके भागने वाले बाहरी अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एक बार फिर कड़ा कदम उठाया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बबलू कुमार ने सभी मकान मालिकों को यह आदेश दिया है कि वे अपने किराएदारों का एक महीने के अंदर पुलिस की वेबसाइट (http://lucknowpolice.up.gov.in) या UPCOP ऐप पर सत्यापन (Verification) ज़रूर करा लें। यदि कोई मकान मालिक बिना सत्यापन के किराएदार रखता है और वह किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल पाया जाता है, तो मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
किरायेदार सत्यापन के मुख्य निर्देश
- जानकारी दर्ज करना अनिवार्य: मकान मालिक को किरायेदार की पूरी जानकारी लखनऊ पुलिस की वेबसाइट (http://lucknowpolice.up.gov.in) या यूपी कॉप ऐप पर दर्ज करनी होगी।
- समय सीमा: यह प्रक्रिया किरायेदार को मकान देने से पहले या अधिकतम एक महीने के अंदर पूरी करना ज़रूरी है।
- सभी का सत्यापन: यदि एक से अधिक किरायेदार हैं, तो सभी किरायेदारों का सत्यापन कराना अनिवार्य है।
- भौतिक सत्यापन: ऑनलाइन पंजीकरण के बाद, संबंधित थाने की टीम द्वारा मौके पर आकर भौतिक सत्यापन (Physical Verification) भी किया जाएगा।
- दस्तावेज सुरक्षित रखें: मकान मालिकों को किरायेदार से संबंधित सभी दस्तावेज़ (जैसे- फोटो, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और किरायेदार का मूल पता आदि) अपने पास सुरक्षित रखने होंगे।
- सूचना न देने पर कार्रवाई: यदि किरायेदार किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल पाया जाता है और मकान मालिक ने उसकी सूचना पुलिस को नहीं दी है, तो मकान मालिक के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- विदेशी किरायेदार के लिए नियम: यदि आप किसी विदेशी व्यक्ति को किराये पर मकान देते हैं, तो उन्हें फार्म-सी (Form-C) भरना अनिवार्य होगा और इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी देनी होगी।
पुलिस अधिकारियों के लिए निगरानी निर्देश
- जागरूकता अभियान: सभी थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी अपने इलाके के मकान मालिकों को किरायेदार का सत्यापन कराने के लिए जागरूक करेंगे।
- ACP की साप्ताहिक समीक्षा: एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) अपने क्षेत्र के थानों में हो रहे किरायेदार पंजीकरण की हर हफ्ते (साप्ताहिक) समीक्षा करेंगे।
- ADCP की पाक्षिक समीक्षा: एडीसीपी (अपर पुलिस उपायुक्त) अपने जोन के थानों में हो रहे पंजीकरण की हर पंद्रह दिन (पाक्षिक) में समीक्षा करेंगे।
- DCP की मासिक समीक्षा: डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) अपने जोन के थानों में हो रहे पंजीकरण की हर महीने (मासिक) समीक्षा करेंगे।








