
भारत सरकार ने किसानों को बेहतर जीवन देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रमुख हैं। इन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, जिसे मोदी सरकार ने 12 सितंबर 2019 को शुरू किया था। यह योजना खास तौर पर छोटे और सीमांत किसानों के लिए है। इसके तहत, 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को हर महीने ₹3,000 की पेंशन दी जाती है, जिससे उन्हें बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
PM Kisan Pension Yojana 2025 का लाभ लेने के लिए योग्यता
इस योजना का लाभ लेने के लिए छोटे और सीमांत किसानों की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उनके पति या पत्नी को 50% पेंशन मिलेगी। यह पेंशन केवल जीवनसाथी के लिए है: यदि पति योजना में शामिल थे तो पेंशन पत्नी को मिलेगी, और अगर पत्नी शामिल थीं तो यह राशि पति को दी जाएगी।
इसके अलावा किसानों को हर महीने ₹100 जमा करने होंगे। इस जमा राशि के बराबर की रकम सरकार भी अपनी तरफ से मिलाती है। यह सारा पैसा लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के पेंशन फंड में जमा होता है, जो बाद में किसानों को पेंशन के रूप में दिया जाता है।
रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ऐसे करें अप्लाई
इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों को अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर (IFSC कोड के साथ) साथ ले जाना अनिवार्य है। CSC पर मौजूद विलेज लेवल एंटरप्रिन्योर (VLE) आपके आधार, नाम और जन्मतिथि की जाँच करेगा। जाँच पूरी होने के बाद, आपका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा, जिसमें बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर और ई-मेल जैसी जानकारी दर्ज की जाएगी।
किसानों को करना होगा मासिक योगदान
इस योजना के तहत, किसान की उम्र के आधार पर सिस्टम मासिक योगदान तय करता है। किसान अपनी पहली किस्त VLE (ग्राम स्तरीय उद्यमी) को नकद में देता है। इसके बाद एक फॉर्म भरा जाता है, जिसे VLE स्कैन करके अपलोड करता है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर किसान को एक खास किसान पेंशन खाता संख्या (KPAN) और किसान कार्ड मिलता है। यह पूरी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि छोटे और सीमांत किसान आसानी से योजना से जुड़ सकें और बुढ़ापे में सरकार की तरफ से आर्थिक मदद पा सकें।








