
Aadhaar Card Rules 2025: आजकल आधार कार्ड लगभग सभी ज़रूरी सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं से जुड़ चुका है। इसी वजह से कई लोग अभी भी यह सोचते हैं कि क्या आधार नागरिकता या जन्म की तारीख का भी सबूत है। इस उलझन और अफवाहों को खत्म करने के लिए UIDAI ने बार-बार यह साफ किया है कि 12 अंकों का आधार नंबर केवल व्यक्ति की पहचान (Identity) साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे भारतीय नागरिकता या निवास (Domicile) के प्रमाण के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
डाक विभाग की ओर से आधार पर ज़रूरी सूचना
संचार मंत्रालय के तहत आने वाले डाक विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है। इसमें साफ कहा गया है कि आधार नंबर का इस्तेमाल किसी भी व्यक्ति की पहचान साबित करने के लिए तभी किया जा सकता है, जब उसका सही से वेरिफिकेशन किया जाए। आदेश में यह भी बताया गया है कि आधार कार्ड नागरिकता, निवास (Domicile), या जन्म की तारीख (Date of Birth) का पक्का प्रमाण नहीं है। इसलिए, इसका इस्तेमाल केवल पहचान के लिए हो। सरकार ने सभी डाकघरों को निर्देश दिया है कि वे इस नई जानकारी को सभी लोगों तक पहुँचाएँ और इसे अपने नोटिस बोर्ड पर भी लगाएँ।
किन कामों के लिए जरुरी है आधार कार्ड
आज के समय में आधार कार्ड हमारे वित्तीय और सरकारी कामों के लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। आधार नंबर दिए बिना कई सरकारी लाभ और लेन-देन संभव नहीं हैं। यह इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने, पैन कार्ड को लिंक करने, बैंक खाता खोलने और नया मोबाइल सिम कार्ड खरीदने के लिए अनिवार्य (ज़रूरी) है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड जैसे कई निवेशों के लिए केवाईसी (KYC) सत्यापन में भी आधार चाहिए। ज़्यादातर सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी आधार से पहचान (ऑथेंटिकेशन) कराना आवश्यक है।
सरकारी सुविधाओं के लिए आधार की ज़रूरत
आधार कार्ड आज बहुत सारी सरकारी सुविधाएँ पाने के लिए बेहद ज़रूरी हो गया है। एलपीजी गैस पर सरकारी सब्सिडी पाने के लिए, साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और अटल पेंशन योजना (APY) जैसी पेंशन योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी आधार अनिवार्य है। इनके अलावा, छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप), श्रमिकों के कल्याण लाभ, और यहाँ तक कि नया मोबाइल कनेक्शन या ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए भी आधार कार्ड दिखाना ज़रूरी होता है।
आधार अपडेट कराना हुआ महंगा
1 अक्टूबर से आधार कार्ड में कोई भी जानकारी बदलवाने का शुल्क (फीस) बढ़ गया है।
- नाम, पता या जन्मतिथि (डेमोग्राफिक) बदलवाने के लिए अब ₹50 की जगह ₹75 लगेंगे।
- फिंगरप्रिंट या आँखों की पुतली (बायोमेट्रिक) बदलवाने के लिए ₹100 की जगह ₹125 देने होंगे। करीब 5 साल में यह पहला बदलाव है। अच्छी बात यह है कि नवजात बच्चों का पहला आधार बनवाना और उनकी जानकारी अपडेट करवाना अभी भी मुफ्त है। यह बढ़ा हुआ शुल्क केवल आधार बनने के बाद किए जाने वाले बदलावों पर लागू होगा। बच्चों के लिए, 5 साल की उम्र में और फिर 15 से 17 साल की उम्र के बीच बायोमेट्रिक अपडेट करवाना ज़रूरी होता है।








