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दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, बहू को ससुराल में रहने का अधिकार, लेकिन नहीं मिलेगा घर पर मालिकाना हक | Delhi High Court Verdict

बुजुर्गों के शांतिपूर्ण जीवन और बहू की सुरक्षा के बीच के नाजुक संतुलन पर कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला! घरेलू हिंसा कानून (PWDV Act) के तहत, कोर्ट ने बहू को बेघर होने से बचाते हुए, उसे चार हफ्तों में नया फ्लैट ढूंढकर विवादित घर खाली करने का निर्देश दिया। जानिए न्याय का यह अनूठा उदाहरण!

By Pinki Negi

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, बहू को ससुराल में रहने का अधिकार, लेकिन नहीं मिलेगा घर पर मालिकाना हक | Delhi High Court Verdict
Delhi High Court Verdict

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि बुजुर्ग माता-पिता को अपने घर में शांति और सम्मान के साथ रहने का पूरा अधिकार है, जिसे पारिवारिक झगड़ों में भी छीना नहीं जा सकता। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें बहू को उसके सास-ससुर के खुद कमाए हुए (स्व-अर्जित) घर से बाहर निकलने का निर्देश दिया गया था। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बुजुर्गों की शांति परिवार के विवादों से अधिक महत्वपूर्ण है।

घरेलू हिंसा मामले में बहू का ‘कब्जे का हक’

एक हालिया फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि घरेलू हिंसा से महिलाओं की रक्षा कानून (PWDV एक्ट) के तहत बहू को ससुराल में रहने का अधिकार मिलता है। हालांकि, कोर्ट ने जोर दिया कि यह अधिकार केवल ‘कब्जे का हक’ है, न कि घर पर मालिकाना हक। जजों की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कानून ऐसा होना चाहिए जिससे बहू की सुरक्षा और परिवार की शांति दोनों बनी रहे, और अदालत ने हमेशा दोनों पक्षों के अधिकारों में संतुलन बनाने पर जोर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने बहू को दिया वैकल्पिक घर का प्रस्ताव

एक ही मकान में सीढ़ियों और रसोई साझा होने के कारण कोर्ट ने माना कि बहू का अलग रहना मुश्किल है। इसके समाधान के तौर पर, बुजुर्ग सास-ससुर ने बहू के लिए एक वैकल्पिक घर का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव में घर का ₹65,000 मासिक किराया, साथ ही मेंटेनेंस, बिजली-पानी का बिल और सिक्योरिटी डिपॉजिट का सारा खर्च खुद उठाने की बात कही गई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

एक कानूनी मामले में, कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बुजुर्गों के शांतिपूर्ण जीवन के अधिकार और बहू के गरिमापूर्ण सुरक्षा अधिकार के बीच संतुलन बनाना ज़रूरी है। कोर्ट ने घरेलू हिंसा कानून (PWDV Act) के तहत बहू को बेघर होने से बचाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया कि बुजुर्गों को उनके अंतिम वर्ष शांति से बिताने को मिलें। इसलिए, कोर्ट ने बहू को आदेश दिया कि वह चार हफ्तों के भीतर पुराने घर के पास ही दो कमरों वाला फ्लैट ढूंढे, और इसके दो हफ्ते बाद विवादित घर को खाली कर दे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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