
Aadhaar Card Fact: आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो हमारी एक पहचान है। लेकिन आजकल इससे जुड़ा एक मामला काफी चर्चा में चल रहा है। जिसमें बिहार की राजनीति में एक सवाल काफी उठ रहा है कि क्या आधार कार्ड के जरिए कोई भी मतदाता बन जाएगा। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले विपक्ष पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाए हैं कि यह जानकर वोटरों के नाम लिस्ट से काट रहा है वहीं इन आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने गलत भी ठहराया दिया है।
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आधार मामले पर कोर्ट का क्या कहना?
हाल ही जानकारी स्पष्ट करते हुए बीजेपी के नेता अमित मालवीय का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना जवाब दे दिया है कि यह गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। कोर्ट ने यह बिलकुल भी नहीं कहा है कि सिर्फ आधार कार्ड के तहत कोई व्यक्ति वोटर बन जाएगा। जिन लोगों के मतदाता लिस्ट से नाम हट चुके हैं वे आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट से फिर से सीएक लिए पंजीकरण कर सकते हैं यह कोर्ट का कहना है। इसके साथ ही कहा गया कि आधार कोई नागरिकता का सबूत नहीं है इसके लिए अन्य दस्तावेज बनाए हुए हैं, यह केवल एक पहचान का सबूत है।
65 लाख लोगों के हटाए गए नाम!
बीजेपी ने साफ साफ अपने ऊपर लगे आरोप को ख़ारिज करने के लिए कहा है कि बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं जो कि जिन्दा नहीं है। इनमें कुछ नाम फर्जी और कुछ विदेशियों के नाम भी शामिल थे।
जितने भी नाम हटाए गए हैं कोर्ट ने फिर से उनकी लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। ऐसे में कुछ जाँच की जाएगी कि कही सही लोगों का नाम तो नहीं कट गया है, इसलिए वे फिर से आवेदन कर पाएंगे। इसके साथ ही एक बड़ा यह सबूत है कि नाम कटने के बाद बहुत कम यानी 1.3 प्रतिशत लोगों ने ही इस पर आपत्ति जताई।
