अकाउंट में अचानक आए ₹5 करोड़, फिरचले गए वापस! पर अब सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिल रही बेल, जानिए पूरा मामला

बिना किसी चेतावनी के बैंक अकाउंट में आए करोड़ों रुपये, कुछ ही घंटों में हुए ट्रांसफर… लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने ज़िंदगी बदल दी! अब न हाईकोर्ट से राहत, न सुप्रीम कोर्ट से बेल। आखिर ये पैसा किसका था? और क्यों फंस गया ये शख्स? जानिए इस चौंकाने वाले केस की पूरी कहानी!

By Pinki Negi

अगर एक दिन अचानक से आपको एक मैसेज आए की आपके अकाउंट में करोड़ों रुपये डिपॉजिट हुए हैं, तो ऐसे में आप क्या करेंगे? यही सोच रहे हैं ना अगर घर बैठे फ्री में इतने पैसे आ जाएं तो बिना किसी को खबर किए पूरी जिंदगी आराम से कट जाएगी। तो बता दें, ऐसा सोचना आपकी सबसे बड़ी गलती हो सकती है, अगर आपके अकाउंट में अचानक कहीं से पैसे आ जाते हैं, जिसका आपसे कोई लेना-देना नहीं है तो आपको तुरंत इसकी जानकारी अथॉरिटी को देनी चाहिए।

ऐसा नहीं करने पर आप एक बड़ी मुसीबत में फस सकते हैं क्योंकि यह साइबर ठगी का मामला हो सकता है और आपको कोर्ट के चक्कर भी काटने पड सकते है। साइबर ठगी के ऐसे कई मामले इन दिनों सामने आ रहे हैं जिनमे लोगों के अकाउंट में अचानक से पैसे आने के बाद गायब हो जाते हैं, जिसकी जानकारी अथॉरिटी को नहीं देने पर वह खुद इस मुसीबत मे फंस जाते हैं।

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क्या है साइबर ठगी का पूरा मामला?

बिहार से एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें एक शख्स के अकाउंट में कही से अचानक पैसे आए और उसने इन पैसों की जानकारी संबंधित अथॉरिटी को नहीं दी। जब इसकी जांच हुई तो वह फंस गया और अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत देने से भी इनकार कर दिया है। साइबर फ्रॉड के इस मामले पर सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के इस शख्स के अकाउंट में सितंबर 2024 में 5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम जमा हुई, जो अलग-अलग बैंक अकाउंट से उनके अकाउंट में ट्रांसफर की गई थी। जिसके बाद कुछ ही समय में यह पैसा हाथों-हाथ कई दूसरे अकाउंट में अपने आप ट्रांसफर भी हो गया।

माना जा रहा है की इस पूरी प्रक्रिया में इस व्यक्ति का कोई दोष नहीं रहा हो क्योंकि साइबर ठग अक्सर पैसा ऐसे अकाउंट में ट्रांसफेर करवाते हैं जो निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसे अकाउंट जिनमे किसी तरह का लेनदेन नहीं होता है, उन्हे क्राइम की भाषा में Mule अकाउंट कहा जाता है, ऐसे खातों को अक्सर साइबर ठग मनी म्यूल के रूप में करते हैं। इसके लिए साइबर ठग या तो व्यक्ति के अकाउंट की डीटेल हासिल करके या थोड़े पैसे का लालच देकर अकाउंट से लेनदेन करते हैं।

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कोर्ट ने की अगरीम जमानत खारिज

दिल्ली में हुए एक 20 लाख के साइबर अपराध से जुड़े मामले के बाद इस केस का पता पुलिस को लगा, जिसमें बिहार के इस व्यक्ति ने अपने अकाउंट में आए पैसों की जानकारी पुलिस और आयकर विभाग से साझा नहीं किया। जो इनकी सबसे बड़ी गलती थी, जिससे इन्हे भी इस अपराध में शामिल माना गया और अकाउंट हैकिंग की दलील को ना मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी इस शख्स की अग्रिम अर्जी को खारिज कर दिया। हालांकि यह व्यक्ति खुद भी इस पूरे कांड का हिस्सा है या नहीं इसका पता तो केस सॉल्व होने के बाद ही चल सकता है।

ऐसे में ध्यान रखने वाली बात यह है की यदि भविष्य में आपके साथ भी कुछ ऐसा होता है तो आप बिना देर किए इसकी रिपोर्ट करवाएं और अगर आपका या आपके परिवार में किसी सदस्य का निष्क्रिय अकाउंट है तो उसे समय पर बंद करवा दें।

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