
साल 2026 कोई साधारण साल नहीं, बल्कि एक ऐसा समय होगा जो हमारी व्यवस्थाओं और विश्वास की जड़ों को गहराई से परखेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु का शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश अचानक तकनीकी उथल-पुथल और बड़े बदलावों का संकेत दे रहा है।
यह किसी शारीरिक महामारी की तरह नहीं, बल्कि एक ‘मौन संकट’ की तरह आएगा, जो हमारी जेब (अर्थव्यवस्था), करियर और मानसिक शांति पर सीधा प्रहार करेगा। इसे एक संरचनात्मक आपदा कहा जा सकता है, जहाँ खासकर आईटी सेक्टर में मशीनीकरण और AI के बढ़ते प्रभाव के कारण बड़ी संख्या में नौकरियाँ जाने की आशंका है। कुल मिलाकर, 2026 इंसान के धैर्य और उसकी आर्थिक रीढ़ की परीक्षा लेने वाला साल साबित हो सकता है।
विक्रम संवत 2082-83 का भविष्यफल
ज्योतिष गणना के अनुसार, विक्रम संवत 2082 में सूर्य राजा और चंद्रमा मंत्री होंगे, जो शुरुआत में सत्ता में बड़े बदलाव, बाढ़, आगजनी और जनता में बेचैनी के संकेत दे रहे हैं। 18 मार्च 2026 तक का समय प्राकृतिक आपदाओं और उथल-पुथल से भरा रह सकता है।
इसके बाद, 19 मार्च 2026 से संवत 2083 (रौद्र संवत्सर) शुरू होगा, जिसमें बृहस्पति राजा और मंगल मंत्री की भूमिका में होंगे। जून 2026 तक शनि, राहु और केतु का विशेष योग दुनिया भर में विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। इस दौरान गुरु (बृहस्पति) की असामान्य चाल के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति रहेगी और सही निर्णय लेना कठिन होगा। कुल मिलाकर, यह वर्ष सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
शनि और राहु के प्रभाव से बदल जाएगा वैश्विक परिदृश्य
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2026 आर्थिक और संरचनात्मक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इस दौरान लोगों के पास धन तो होगा, लेकिन मन में असंतोष और भविष्य को लेकर बेचैनी बनी रहेगी। शनिदेव के निष्पक्ष न्याय के कारण बैंकिंग, कॉर्पोरेट और शासन व्यवस्थाओं में वर्षों से चली आ रही कमियां उजागर होंगी और उन पर दबाव बढ़ेगा।
वहीं, राहु का शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश अचानक तकनीकी बदलाव और बड़ी दुर्घटनाओं का संकेत दे रहा है। विशेष रूप से IT सेक्टर में मशीनों (AI) के बढ़ते प्रभाव के कारण बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं। इसके साथ ही हवाई, रेल और सड़क यातायात में भी बड़े व्यवधान और असुरक्षा की स्थिति पैदा होने की प्रबल आशंका है।
ई तकनीक का उदय और वैश्विक उथल-पुथल के बीच बड़ा बदलाव
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से आने वाला वर्ष बड़े बदलावों का प्रतीक होगा। जहाँ एक ओर नई सोच, आधुनिक तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी शोध होंगे, वहीं पुराने ढर्रे पर चलने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सामाजिक स्तर पर रिश्तों में तनाव और बिखराव की स्थिति बन सकती है।
वैश्विक पटल पर यह समय अशांति का संकेत दे रहा है; कई देशों में जातीय या धार्मिक हिंसा, आंदोलन और रक्तपात जैसी स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। साथ ही, भूकंप, सुनामी और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बना रहेगा। भारत के संदर्भ में आतंकी गतिविधियों की आशंका और देश के प्रमुख नेताओं या अभिनेताओं से जुड़ी किसी दुखद खबर या उनके निधन की संभावना भी ज्योतिषीय गणना में दिखाई दे रही है।
बीमारियों का प्रकोप, AI का दबदबा और काम करने के तरीकों में बड़ा बदलाव
आने वाले समय में स्वास्थ्य और सुरक्षा के मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ सकती हैं। ज्योतिषीय संकेतों के अनुसार, अज्ञात बुखार और बीमारियां लोगों को परेशान करेंगी, जबकि अपराधियों का मनोबल बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ ईमानदार अधिकारी नायक बनकर उभरेंगे। आर्थिक जगत में डिग्रियों से ज्यादा हुनर (Skill) को महत्व मिलेगा और दफ्तरों का पारंपरिक माहौल पूरी तरह बदल जाएगा। साल 2026 AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के असली युग की शुरुआत होगी, जहाँ मुकाबला इंसानों से नहीं बल्कि मशीनों से होगा। इसके अलावा, प्रवासी भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं और पशुओं में महामारी फैलने की आशंका है। जो लोग समय के साथ खुद को नहीं बदलेंगे, वे इस दौड़ में पीछे छूट जाएंगे।
ग्रहों की बदलती चाल और साल 2026 का संकट
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2026 में ग्रहों की स्थिति बड़े उलटफेर के संकेत दे रही है। मंगल, बुध और शुक्र की वक्री चाल के कारण भूकंप, बाढ़ और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। जनवरी से नवंबर तक मंगल का गोचर दुनिया भर में ऊर्जा संकट और युद्ध जैसी स्थितियों को भड़का सकता है, वहीं शुक्र के प्रभाव से रिश्तों में कड़वाहट आएगी।
वैश्विक स्तर पर भारत अपनी विदेश नीति में बड़े बदलाव करेगा और इस्लामिक देशों में नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिलेगा। इस दौरान दुनिया की बड़ी शक्तियों के बीच सत्ता को अस्थिर करने का खेल चलेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारी तनाव पैदा होने की आशंका है।
सत्ता परिवर्तन, बड़े नेताओं का उतार-चढ़ाव और सीमा पर तनाव
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, साल 2026 राजनीति के लिहाज से भारी उथल-पुथल वाला रहेगा। शनि, राहु और केतु के प्रभाव से विश्व स्तर पर और भारत के कई राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन के योग बन रहे हैं। पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम सबको चौंका सकते हैं, वहीं एक बड़े प्रदेश के दिग्गज नेता की भूमिका में बदलाव आएगा। सत्ता पक्ष को अंदरूनी विरोध का सामना करना पड़ेगा और बड़े नेताओं पर कई आरोप लगेंगे। वैश्विक स्तर पर एशिया में शक्ति संतुलन बिगड़ने से पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद और तनाव बढ़ सकता है। विशेष रूप से पंजाब, कश्मीर और ओडिशा में कुछ समय के लिए अशांति और अस्थिरता का माहौल रहने की आशंका है।
सोने-चांदी में आएगी महातेजी, शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका
आर्थिक दृष्टि से आने वाला वर्ष बेहद उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। इस साल संचित धन (बचत) ही सबसे बड़ा सहारा बनेगा। वर्ष की शुरुआत में फसलों पर कीटों का हमला और दूध का संकट परेशानी पैदा कर सकता है। शेयर बाजार में शुरूआती उछाल के बाद मई से जुलाई के बीच ट्रेडर्स को भारी नुकसान हो सकता है, और अक्टूबर के बाद बाजार की स्थिति अनियंत्रित नजर आएगी।
निवेश के लिहाज से सोने और चांदी में शुरुआती गिरावट के बाद ऐसी जबरदस्त तेजी आएगी कि वर्तमान कीमतें भी सस्ती लगने लगेंगी। वहीं, तांबा (Copper) आने वाले 5 वर्षों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़त की ओर बढ़ेगा। साथ ही, बाजार में बड़े नोटों की कमी और अचानक आई किसी खबर से व्यापारिक जगत में हड़कंप मचने की आशंका है।
नौकरियों पर खतरा और सोने-चांदी में निवेश का बढ़ता रुझान
आने वाले वर्ष में आर्थिक मोर्चे पर बड़ी चुनौतियां सामने आ सकती हैं। फूड और ट्रैवल ऐप्स को पैसों की कमी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए ‘आपातकालीन फंड’ (Emergency Fund) बचाकर रखना ही समझदारी होगी। नौकरियों के संकट के कारण अब एक ही करियर के भरोसे रहना मुश्किल होगा और लोगों को एक साथ कई काम (Multi-tasking) करने पड़ेंगे। शेयर बाजार में निफ्टी शुरुआती बढ़त के बाद मई-जून में गिर सकता है, हालांकि डिफेंस, एनर्जी और मेटल्स सेक्टर में तेजी बनी रहेगी। रियल एस्टेट में ठहराव आने से लोग एक बार फिर सुरक्षा के लिए सोने और चांदी के निवेश की ओर लौटेंगे। वैश्विक तनाव और परमाणु शक्ति के खतरों के बीच दुनिया अशांत रहेगी, लेकिन भारत अपनी युवा शक्ति और तकनीक के दम पर इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेगा।









