
ऊर्जा निगम की बिजली बिल राहत योजना 2025-26 के तहत इस बार उन 26 हजार उपभोक्ताओं को भी छूट का लाभ दिया जा रहा है, जिन पर बिजली चोरी के मामले दर्ज हैं। हालांकि, विभाग के लिए चिंता की बात यह है कि अब तक केवल 1,779 बकायेदारों ने ही इस योजना में दिलचस्पी दिखाई है, जिनसे करीब 3.5 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।
पभोक्ताओं की इस सुस्ती को देखते हुए निगम ने सख्त कदम उठाया है—अब योजना के पहले चरण के आखिरी दिनों में शनिवार और रविवार की छुट्टी के दिन भी बिजली दफ्तर खुलेंगे। विभाग का लक्ष्य है कि चोरी के मामलों में फंसे अधिक से अधिक लोग भारी जुर्माने और शमन शुल्क में मिल रही इस छूट का फायदा उठाकर अपना बकाया चुका सकें।
बिजली चोरी के केस से मिलेगा छुटकारा
ऊर्जा निगम की इस विशेष योजना के तहत बिजली चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी जा रही है। यदि कोई उपभोक्ता अपने बकाये का एकमुश्त (One-time) भुगतान करता है, तो उसे निर्धारित राजस्व राशि पर 50 प्रतिशत की सीधी छूट मिलेगी।
हालांकि एफआईआर के समय तय किया गया शमन शुल्क (Compounding fee) पूरा जमा करना अनिवार्य होगा। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि बिजली चोरी का मामला अदालत में भी चल रहा है, तो बकाया चुकाने के बाद उस मुकदमे को भी समाप्त कर दिया जाएगा। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो कानूनी कार्रवाई से बचकर अपनी देनदारी खत्म करना चाहते हैं।
31 दिसंबर तक ही है मौका, अब तक सिर्फ 6% लोगों ने उठाया छूट का फायदा
ऊर्जा निगम की बिजली बिल राहत योजना का पहला चरण 31 दिसंबर को समाप्त होने वाला है। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जो लोग बकाया न चुकाने के कारण आरसी (RC) की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, पैसा जमा करने के बाद उनकी आरसी भी वापस ले ली जाएगी। हालांकि, विभाग के लिए चिंता का विषय यह है कि 1 दिसंबर से शुरू हुई इस योजना में अब तक केवल 6.60 प्रतिशत (1779) बकायेदारों ने ही पंजीकरण कराया है। इन उपभोक्ताओं ने मिलकर 2.52 करोड़ रुपये का राजस्व और 97 लाख रुपये का शमन शुल्क जमा किया है।
बुलंदशहर और हापुड़ में बिजली चोरी के बकायेदारों पर ₹128 करोड़ की देनदारी
ऊर्जा निगम ने बुलंदशहर परिक्षेत्र (बुलंदशहर और हापुड़) में बिजली चोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 26,873 उपभोक्ताओं पर ₹108.93 करोड़ का राजस्व और ₹19.87 करोड़ का शमन शुल्क तय किया है। अकेले बुलंदशहर जिले में 19,170 बकायेदार हैं, जिन पर लगभग ₹93 करोड़ की देनदारी है, जबकि हापुड़ के 7,703 उपभोक्ताओं पर करीब ₹33 करोड़ का बकाया है। इन सभी उपभोक्ताओं को बिजली बिल राहत योजना के तहत एक सुनहरा अवसर दिया गया है, ताकि वे भारी छूट के साथ अपने मुकदमों और बकाये से मुक्ति पा सकें।
बिजली चोरी के मामलों में भारी छूट
ऊर्जा निगम ने उन उपभोक्ताओं के लिए राहत का बड़ा दरवाजा खोला है जिन पर बिजली चोरी के कारण करोड़ों रुपये बकाया हैं। बिजली बिल राहत योजना के तहत इन लोगों को विशेष छूट दी जा रही है, लेकिन अब तक बहुत कम बकायेदारों ने इसका फायदा उठाया है।
विभाग अब इन सभी को प्रेरित करने के लिए सक्रिय हो गया है। योजना के पहले चरण के समाप्त होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए साप्ताहिक अवकाश (शनिवार और रविवार) के दिन भी बिजली कार्यालयों को खुला रखने का निर्णय लिया गया है। निगम का लक्ष्य है कि लोग इस अंतिम अवसर का लाभ उठाकर अपने कानूनी और आर्थिक बोझ को कम करें।









