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Gold Reserves: इन 10 देशों के पास है दुनिया का सबसे ज्यादा सोना! जानें खजाने की रेस में भारत कहाँ, रिपोर्ट देख रह जाएंगे दंग

दुनिया का सबसे बड़ा खजाना आखिर किन देशों के पास है? अमेरिका, रूस और चीन के बीच जारी इस 'गोल्ड वॉर' में जानें 800 टन सोने के साथ भारत किस पायदान पर है। चौंकाने वाले आंकड़ों वाली यह रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी!

By Pinki Negi

Gold Reserves: इन 10 देशों के पास है दुनिया का सबसे ज्यादा सोना! जानें खजाने की रेस में भारत कहाँ, रिपोर्ट देख रह जाएंगे दंग
Gold Reserves

दुनिया के वित्तीय बाजार में सोने की अहमियत उसकी चमक से कहीं ज्यादा उसकी मजबूती और स्थिरता की वजह से है। आज भी दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने खजाने में भारी मात्रा में सोना जमा कर रहे हैं क्योंकि यह महंगाई, गिरती करेंसी और आर्थिक संकट के समय एक ढाल की तरह काम करता है। साल 2025 में भी कई देशों ने अपना गोल्ड रिजर्व तेजी से बढ़ाया है। इस लेख में हम उन 10 देशों की सूची देखेंगे जिनके पास सबसे बड़ा सोने का भंडार है और यह भी जानेंगे कि इस ग्लोबल लिस्ट में भारत का स्थान क्या है।

सोने के भंडार में अमेरिका का दबदबा

दुनिया में सबसे अधिक सोने के भंडार (Gold Reserve) के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका आज भी नंबर एक पर बना हुआ है। अनुमान है कि अमेरिका के पास 8,100 टन से भी ज्यादा सोना है, जिसे फोर्ट नॉक्स जैसे दुनिया के सबसे सुरक्षित तहखानों में रखा गया है। सोने का यह विशाल भंडार न केवल अमेरिका की आर्थिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि पूरी दुनिया में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और भरोसे को बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाता है।

जर्मनी

दुनिया भर में सोने के भंडार के मामले में जर्मनी दूसरे नंबर पर आता है, जिसके पास 3,350 टन से भी ज्यादा सोने का विशाल स्टॉक है। इस बेशकीमती खजाने का एक बड़ा हिस्सा फ्रैंकफर्ट के सुरक्षित तहखानों में जमा है, जबकि कुछ हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से विदेशों में भी रखा गया है। जर्मनी के लिए यह सोना केवल धातु नहीं, बल्कि उसकी वित्तीय मजबूती और आर्थिक सुरक्षा का सबसे मजबूत स्तंभ है, जो मुश्किल समय में देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करता है।

इटली

दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के मामले में इटली तीसरे पायदान पर काबिज है। तमाम आर्थिक उतार-चढ़ावों और चुनौतियों के बावजूद, इटली ने अपने पास लगभग 2,450 टन सोने का विशाल भंडार बनाए रखा है। वहां का सेंट्रल बैंक सोने को एक भरोसेमंद और सुरक्षित संपत्ति मानता है, जो लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने का काम करता है। यह भंडार इटली की वैश्विक साख और वित्तीय मजबूती का एक प्रमुख आधार है।

फ्रांस

फ्रांस के पास लगभग 2,435 टन सोने का विशाल भंडार है, जो उसे दुनिया के सबसे अधिक स्वर्ण भंडार वाले देशों की सूची में प्रमुख स्थान दिलाता है। वहां का सेंट्रल बैंक इस सोने का उपयोग देश की मौद्रिक स्थिरता (Monetary Stability) को बनाए रखने और आर्थिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए एक शक्तिशाली हथियार के रूप में करता है। यह भंडार न केवल फ्रांस की मुद्रा को मजबूती देता है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी साख को भी बरकरार रखता है।

रूस

तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और भू-राजनीतिक दबावों के बावजूद रूस ने अपने सोने के भंडार को 2,300 टन के पार पहुँचा दिया है। पिछले एक दशक में रूस ने बहुत तेज़ी से सोना खरीदा है, जिसका मुख्य उद्देश्य डॉलर और अन्य विदेशी मुद्राओं पर अपनी निर्भरता को कम करना है। यह विशाल भंडार रूस को वैश्विक मंदी और बाहरी आर्थिक दबावों के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करता है, जिससे वह अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में कामयाब रहा है।

चीन

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन अपने सोने के भंडार को बहुत तेजी से बढ़ा रहा है। साल 2025 तक चीन के पास आधिकारिक तौर पर 2,200 टन से भी ज्यादा सोना जमा हो चुका है। चीन की यह रणनीति बेहद साफ है—वह अपनी मुद्रा ‘युआन’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करना चाहता है और अमेरिकी डॉलर पर अपनी निर्भरता को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी में है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का असली सोने का भंडार घोषित आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकता है, जो उसे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय एक सुरक्षित कवच प्रदान करता है।

स्विट्ज़रलैंड

अपनी निष्पक्ष वित्तीय नीति और मजबूत बैंकिंग सिस्टम के लिए मशहूर स्विट्ज़रलैंड के पास लगभग 1,040 टन सोने का भंडार है। दिलचस्प बात यह है कि अपनी कम जनसंख्या के कारण, स्विट्ज़रलैंड का प्रति व्यक्ति सोने का भंडार (Gold per capita) दुनिया में सबसे अधिक है। यह विशाल खजाना न केवल स्विस फ्रैंक को मजबूती देता है, बल्कि वैश्विक आर्थिक संकटों के समय स्विट्ज़रलैंड को दुनिया का सबसे सुरक्षित वित्तीय ठिकाना बनाए रखने में भी मदद करता है।

भारत

साल 2025 में भारत का आधिकारिक स्वर्ण भंडार लगभग 800 टन तक पहुँच गया है, जो दुनिया भर में हमें 8वें स्थान पर रखता है। हालाँकि, यह तो सिर्फ सरकारी आंकड़ा है; अगर भारतीय घरों और मंदिरों में रखे सोने को जोड़ दिया जाए, तो भारत दुनिया का सबसे अमीर देश बन सकता है। भारत में सोना केवल एक निवेश नहीं, बल्कि परंपरा और खुशहाली का प्रतीक है। यही कारण है कि धनतेरस और अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर सोने की भारी खरीदारी होती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को एक अनोखी मजबूती प्रदान करती है।

नीदरलैंड

नीदरलैंड के पास लगभग 620 टन सोने का भंडार है, जो उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। हाल के वर्षों में डच सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने सोने के विशाल हिस्से को विदेशी बैंकों के वॉल्ट्स से निकालकर वापस अपने देश (घरेलू भंडारण) में जमा कर लिया है। यह फैसला दर्शाता है कि नीदरलैंड को अपनी आर्थिक सुरक्षा के लिए सोने पर कितना गहरा भरोसा है। सोने को वापस देश लाने की यह प्रक्रिया वैश्विक बाजार में एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने की बढ़ती अहमियत को भी बयां करती है।

तुर्की

दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार वाले देशों की सूची में तुर्की 10वें स्थान पर आता है, जिसके पास लगभग 550 से 600 टन सोना है। हाल के वर्षों में तुर्की को अपनी मुद्रा (लीरा) की गिरती कीमत और अन्य आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, ऐसे में वहां के सेंट्रल बैंक ने सोने को एक ‘सुरक्षा कवच’ या बफर के तौर पर इस्तेमाल किया है। तुर्की लगातार अपने भंडार में सोना बढ़ा रहा है ताकि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित और स्थिर रख सके।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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