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भारत पर कुल कितना है विदेशी कर्ज? सबसे बड़ा कर्ज किस देश से लिया है? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

क्या भारत पर विदेशी कर्ज का बोझ खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है? ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विदेशी कर्ज $747 अरब के पार निकल चुका है। आखिर किस देश या संस्था से भारत ने लिया है सबसे ज्यादा उधार और क्या हमारा विदेशी मुद्रा भंडार इसे चुकाने के लिए काफी है? चौंकाने वाले इन आंकड़ों का पूरा विश्लेषण यहाँ पढ़ें!

By Pinki Negi

भारत पर कुल कितना है विदेशी कर्ज? सबसे बड़ा कर्ज किस देश से लिया है? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
विदेशी कर्ज

भारत आज दुनिया की एक बड़ी ताकत बन रहा है, लेकिन इसकी प्रगति के पीछे कर्ज और विदेशी निवेश का एक बड़ा जाल है। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या भारत भारी कर्ज के बोझ तले दबा है या फिर वह अपने पैसों का प्रबंधन बहुत समझदारी से कर रहा है? दिलचस्प बात यह है कि जहाँ भारत ने दुनिया के बड़े देशों और संस्थाओं से कर्ज लिया है, वहीं उसने दर्जनों छोटे देशों को आर्थिक मदद देकर एक मददगार देश की मिसाल भी पेश की है। यह रिपोर्ट आंकड़ों के जरिए भारत के इसी कर्ज लेने और दूसरों की मदद करने के अनछुए पहलुओं को उजागर करती है।

भारत पर कुल कितना है विदेशी कर्ज?

भारत अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों से पूंजी जुटाता रहा है, जिसके कारण विदेशी कर्ज समय के साथ बढ़ता गया है। मार्च 2020 के अंत तक यह आंकड़ा करीब 558.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।

इस कर्ज में प्रमुख रूप से व्यापारिक उधार, एनआरआई (NRI) डिपॉजिट और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लिए गए लोन शामिल हैं। सरकार इस पूंजी का उपयोग मुख्य रूप से देश में बड़े उद्योगों, बुनियादी ढांचे (Infrastructure) और विकास योजनाओं को मजबूती देने के लिए करती है, ताकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहे।

किनसे लिया गया पैसा और कहाँ हुआ इसका इस्तेमाल?

भारत का विदेशी कर्ज किसी एक देश का नहीं, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों और वर्ल्ड बैंक जैसी बड़ी संस्थाओं का मिला-जुला हिस्सा है। खासकर कोरोना काल में, भारत ने इन संस्थाओं से जो कर्ज लिया, उसका सही इस्तेमाल अस्पतालों को बेहतर बनाने, छोटे उद्योगों (MSME) को बचाने और बच्चों की शिक्षा को जारी रखने के लिए किया गया। आसान शब्दों में कहें तो, यह कर्ज मुश्किल समय में देश की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को सहारा देने का एक महत्वपूर्ण जरिया बना है।

भारत की आर्थिक मजबूती में एनआरआई (NRI) जमा और विदेशी कर्ज का बड़ा योगदान

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखने में विदेशों में रहने वाले भारतीयों (NRI) द्वारा जमा किया गया पैसा एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। इसके साथ ही, भारतीय कंपनियां विदेशों से कम ब्याज दरों पर कर्ज (Commercial Borrowing) लेकर अपने व्यापार को बढ़ाती हैं, जिससे देश में उत्पादन और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। हालांकि, इस विदेशी कर्ज के साथ एक चुनौती भी जुड़ी है—अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव और ब्याज दरों में बदलाव का जोखिम हमेशा बना रहता है, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

दुनिया का मददगार बना भारत

भारत आज केवल कर्ज लेने वाला देश नहीं, बल्कि दुनिया के विकास में एक बड़ा भागीदार बनकर उभरा है। वर्तमान में भारत 65 से अधिक देशों को आसान लोन (Line of Credit), सीधे दान, तकनीकी ज्ञान और संकट के समय मानवीय मदद पहुँचा रहा है। विशेष रूप से अपने पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों के साथ भारत की यह साझेदारी बहुत मजबूत हुई है। इस मदद ने न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के सम्मान को बढ़ाया है, बल्कि दुनिया के सामने भारत की छवि एक जिम्मेदार और भरोसेमंद साथी के रूप में भी स्थापित की है।

भारत का विदेशी कर्ज

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी कर्ज लेना तब तक बुरा नहीं है, जब तक उस पैसे का इस्तेमाल देश की तरक्की और उत्पादन बढ़ाने वाले कामों में किया जाए। भारत के मामले में, देश की जीडीपी (GDP) की तुलना में कर्ज का स्तर नियंत्रण में है और हमारा विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी मजबूत है, जिससे कर्ज चुकाने में कोई बड़ी समस्या नहीं दिखती। असली चुनौती बस यह है कि सरकार इस उधार लिए हुए पैसे का सही इस्तेमाल केवल विकास कार्यों और नए रोजगार पैदा करने के लिए करे, ताकि अर्थव्यवस्था और भी मजबूत हो सके।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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