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रात में सिर्फ 3.5 घंटे काम और ₹2.69 करोड़ की कमाई! इस शख्स ने AI से बनाया ‘बिजनेस मॉडल’

ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय युवक ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पार्ट-टाइम काम को बनाया बड़ा इनकम सोर्स। रात में कुछ घंटे काम कर लाखों रुपये की कमाई कर दिखाई, जानिए कैसे बदली उनकी जिंदगी!

By Manju Negi

तकनीक के इस दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया की दिशा बदल रहा है। कुछ लोग इसे रोजगार के लिए खतरा मानते हैं, लेकिन ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के उद्यमी उत्कर्ष अमिताभ ने इसे अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने दिखा दिया कि अगर सही सोच और कौशल का साथ हो तो एआई इंसान का सबसे बड़ा सहयोगी बन सकता है।

रात में सिर्फ 3.5 घंटे काम और ₹2.69 करोड़ की कमाई! इस शख्स ने AI से बनाया 'बिजनेस मॉडल'

रात में सिर्फ साढ़े तीन घंटे का काम

उत्कर्ष का काम करने का तरीका सामान्य नहीं है। वह दिनभर अपनी दूसरी जिम्मेदारियाँ निभाते हैं — एक लेखक, शिक्षक और संगठन के प्रमुख के रूप में — और रात में सिर्फ 3.5 घंटे एआई प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं। इस सीमित समय में वे प्रति घंटा लगभग 18,000 रुपये कमा रहे हैं। कुछ ही महीनों में उन्होंने करीब 2.69 करोड़ रुपये की बेमिसाल कमाई की और ये सब उन्होंने अपने पार्ट-टाइम मॉडल से हासिल किया।

एआई के साथ एक नया सफर

उनका एआई सफर महज एक प्रयोग के रूप में शुरू हुआ। एक डेटा-लेबलिंग स्टार्टअप ने जब उनसे सहयोग की पेशकश की, तो उत्कर्ष ने यह सोचकर हामी भरी कि कुछ नया सीखने को मिलेगा। उस समय वह पहले से अपने व्यवसायिक और व्यक्तिगत दायित्वों में व्यस्त थे — फिर भी उन्होंने इस मौके को चुनौती नहीं, बल्कि सीखने का अवसर माना। यही निर्णय बाद में उन्हें आर्थिक रूप से नए मुकाम पर ले गया।

माइक्रोसॉफ्ट से स्टार्टअप तक की यात्रा

34 वर्षीय उत्कर्ष का करियर मजबूत तकनीकी नींव पर टिका है। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मॉरल फिलॉसफी में उच्च शिक्षा प्राप्त की और माइक्रोसॉफ्ट में छह साल तक क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई के क्षेत्र में काम किया। इस अनुभव ने उन्हें न केवल डिजिटल दुनिया की गहराई समझाई, बल्कि यह भी सिखाया कि कैसे तकनीक को इंसान की रचनात्मकता के साथ जोड़ा जा सकता है। इसी समझ की वजह से उन्होंने पार्ट-टाइम प्रोजेक्ट्स के ज़रिए अपनी कमाई का नया रास्ता बनाया।

आर्थिक स्वतंत्रता से बढ़कर सीखने की चाह

उत्कर्ष का मानना है कि पैसा उनकी प्राथमिक प्रेरणा नहीं है। उनके लिए असली प्रेरणा नई तकनीक को समझना और उसे समाज के हित में इस्तेमाल करना है। उनका कहना है कि अगर एआई को सही सोच और जिम्मेदारी के साथ अपनाया जाए, तो यह इंसानों की जगह लेने के बजाय उन्हें और सक्षम बना सकता है। उन्होंने दिखाया है कि सीमित समय में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं, अगर इंसान लगातार सीखने और प्रयोग करने से न डरे।

युवाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल

आज की युवा पीढ़ी के लिए उत्कर्ष की कहानी एक प्रेरणा है कि पार्ट-टाइम काम भी फुल-टाइम सफलता दे सकता है। सही स्किल्स, स्मार्ट टेक्नोलॉजी और समय का प्रभावी उपयोग—इन तीनों के संयोजन से उन्होंने जो मॉडल बनाया, वह हर उस व्यक्ति के लिए सीख है जो अपनी जिंदगी में नई दिशा तलाश रहा है।

उत्कर्ष अमिताभ की यह कहानी सिर्फ एक सफलता गाथा नहीं, बल्कि इस बात का सबूत है कि भविष्य उसी का है जो तकनीक को हथियार नहीं, अवसर के रूप में देखता है।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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