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खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार देगी ₹25 लाख! साथ में ₹6 लाख की भारी छूट, जानें ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ का लाभ कैसे लें

अपना स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने का सपना अब होगा सच! उत्तर प्रदेश सरकार दे रही है ₹25 लाख तक का लोन और साथ में ₹6.25 लाख तक की भारी सब्सिडी। जानें पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और कैसे आप इस योजना का लाभ उठाकर बन सकते हैं आत्मनिर्भर।

By Pinki Negi

खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार देगी ₹25 लाख! साथ में ₹6 लाख की भारी छूट, जानें 'मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना' का लाभ कैसे लें
खुद का बिजनेस शुरू

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में हर साल लाखों युवा नौकरी की तलाश में निकलते हैं, लेकिन सबको सरकारी या प्राइवेट नौकरी मिलना मुमकिन नहीं हो पाता। इसी समस्या को सुलझाने के लिए सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ शुरू की है।

इस योजना का मकसद युवाओं को नौकरी ढूंढने के बजाय अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए प्रेरित करना है। इसके तहत सरकार युवाओं को कम ब्याज पर लोन, सब्सिडी और जरूरी मदद दे रही है, ताकि वे अपने छोटे उद्योग या सर्विस सेंटर खोल सकें। इससे युवा न केवल खुद आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना क्या है ?

किसी भी सरकारी योजना की तरह मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के भी दो पक्ष हैं। एक तरफ जहाँ यह युवाओं के लिए नए अवसर और स्वरोजगार की संभावनाएँ लेकर आती है, वहीं दूसरी ओर बैंक की जटिल प्रक्रियाओं और इसे ज़मीनी स्तर पर लागू करने में कई चुनौतियाँ भी सामने आती हैं। इस लेख में हम इस योजना के फायदों के साथ-साथ उन समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे, जिनका सामना आवेदकों को करना पड़ सकता है, ताकि आपको योजना की पूरी और सही जानकारी मिल सके।

यूपी के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी पहल

उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के करोड़ों शिक्षित और कुशल युवाओं को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करना है। चूंकि यूपी में काम करने वाले युवाओं की संख्या 12 करोड़ से भी अधिक है, इसलिए सरकार चाहती है कि युवा खेती या छोटे कामों के अलावा आधुनिक स्टार्टअप, सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ें। इस योजना के जरिए सरकार तीन बड़े काम करना चाहती है: पहला, बेरोजगारी को कम करना; दूसरा, स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर शहरों की ओर पलायन रोकना; और तीसरा, युवाओं को बैंक से आसान लोन दिलाकर साहूकारों के चंगुल से बचाना।

कौन कर सकता है आवेदन? जानें जरूरी शर्तें

  • मूल निवासी: आवेदक का उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
  • आयु सीमा: आवेदन करने वाले युवा की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • शैक्षिक योग्यता: आवेदक कम से कम 10वीं पास होना चाहिए, ताकि कम पढ़े-लिखे युवा भी अपना काम शुरू कर सकें।
  • क्लीन बैंकिंग रिकॉर्ड: आवेदक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का ‘डिफॉल्टर’ नहीं होना चाहिए।
  • रोजगार की स्थिति: आवेदक किसी भी सरकारी या निजी संस्था में पहले से कार्यरत (Job) न हो।
  • एक परिवार, एक लाभ: परिवार के किसी भी सदस्य ने पहले से इस योजना या केंद्र/राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना (सब्सिडी वाली) का लाभ न लिया हो।

कितना मिलेगा लोन और सब्सिडी?

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत व्यवसाय शुरू करने के लिए मिलने वाली भारी आर्थिक मदद और सब्सिडी है। इसके तहत अगर आप मैन्युफैक्चरिंग (उद्योग) शुरू करना चाहते हैं, तो 25 लाख रुपये तक और सर्विस सेक्टर (सेवा क्षेत्र) के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।

इसमें सामान्य वर्ग के लोगों को कुल लागत का 10% और आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC), महिलाओं व दिव्यांगों को केवल 5% पैसा खुद लगाना होता है। बाकी पैसा बैंक देता है और सरकार उस पर शानदार सब्सिडी प्रदान करती है, जो सीधे आपके लोन खाते में जमा हो जाती है। इससे युवाओं पर कर्ज का बोझ कम होता है और बिजनेस शुरू करना आसान हो जाता है।

जानें कितनी मिलेगी सरकारी सब्सिडी

इस योजना के तहत सरकार व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन पर भारी सब्सिडी दे रही है। सामान्य वर्ग के युवाओं को कुल लोन राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा अनुदान (सब्सिडी) के रूप में मिलेगा। वहीं, महिलाओं, एससी/एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, दिव्यांगों और भूतपूर्व सैनिकों के लिए यह सब्सिडी 25 प्रतिशत तक रखी गई है। अगर आप मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (फैक्ट्री या निर्माण) में काम शुरू करते हैं, तो अधिकतम 6.25 लाख रुपये और सर्विस सेक्टर (सेवा क्षेत्र) के लिए अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक की सरकारी मदद मिल सकती है।

योजना के लिए कैसे करें आवेदन ?

इस योजना के लिए आप ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करके या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया के तहत आपको अपने व्यवसाय की प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपलोड करनी होती है, जिसे जिला उद्योग केंद्र सत्यापित कर बैंक को भेजता है। सरकार का दावा है कि यह पूरी प्रणाली पारदर्शी है, लेकिन जमीनी स्तर पर अक्सर बैंक स्तर पर देरी और भ्रष्टाचार जैसी शिकायतें भी देखने को मिलती हैं। इसलिए, आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सभी दस्तावेज और प्रोजेक्ट रिपोर्ट पूरी तरह तैयार रखें ताकि प्रक्रिया में कम से कम बाधा आए।

समाज और अर्थव्यवस्था को मिलने वाले बड़े फायदे

इस योजना का लाभ केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती है। जब कोई युवा अपना छोटा उद्योग या सर्विस सेंटर शुरू करता है, तो वह न केवल खुद आत्मनिर्भर बनता है, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देकर ‘मल्टीप्लायर इफेक्ट’ पैदा करता है। इससे गांवों और कस्बों में नए बाजार विकसित होते हैं और युवाओं का बैंकिंग सिस्टम से जुड़ाव बढ़ता है, जिससे भविष्य में उन्हें बड़े लोन मिलना आसान हो जाता है। कुल मिलाकर, यह योजना औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ महिलाओं और पिछड़े वर्गों को

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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