
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर विभाग अब जमीन से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए काफी सक्रिय हो गया है। हाल ही में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सोशल मीडिया (X) के जरिए लोगों को जागरूक किया है कि नई जमीन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसका मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है, ताकि आम जनता को भविष्य में किसी कानूनी परेशानी का सामना न करना पड़े।
बिहार में जमीन खरीदना हुआ आसान
बिहार में जमीन खरीदने से पहले ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें यहाँ दी गई हैं:
- जमाबंदी रसीद की अहमियत: अब बिहार में जमीन खरीदने के लिए ‘जमाबंदी रसीद’ को ही सबसे प्रमुख दस्तावेज माना जाएगा।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन: जमीन खरीदने से पहले आधिकारिक वेबसाइट
biharbhumi.bihar.gov.inपर जाकर विक्रेता की जमाबंदी ऑनलाइन जरूर चेक करें। - प्लॉट और एरिया की जाँच: सुनिश्चित करें कि जो प्लॉट नंबर (खेसरा) और रकबा (एरिया) आप खरीद रहे हैं, वह ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी से मेल खाता हो।
- विक्रेता का नाम: यह देखें कि ऑनलाइन जमाबंदी सीधे बेचने वाले व्यक्ति के नाम पर है या नहीं।
- हिस्सेदारों की सहमति: यदि जमाबंदी बेचने वाले के नाम पर नहीं है (जैसे पुश्तैनी जमीन), तो जाँच लें कि उसके पास परिवार के अन्य सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति (NOC) उपलब्ध है।
अब ऑनलाइन अपलोड होंगे जमीन के सभी आवेदन
पटना जिले में जमीन से जुड़े कामों को पारदर्शी और तेज बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब जमाबंदी में सुधार, पुरानी जमाबंदी को ऑनलाइन चढ़ाने और जमीन बंटवारे जैसे सभी आवेदन सीधे विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपके आवेदन या कागजात में कोई कमी होगी, तो उसकी जानकारी तुरंत आपको मिल जाएगी। इससे आप समय रहते जरूरी दस्तावेज जमा कर सकेंगे और आपको बार-बार दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
बिहार में जमीन के दस्तावेज होंगे डिजिटल
बिहार राजस्व विभाग ने जमीन से जुड़े करीब 1.20 लाख आवेदनों को डिजिटल बनाने के लिए कमर कस ली है। विभाग ने सभी अंचल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे संसाधनों का सही इस्तेमाल कर 31 दिसंबर तक दस्तावेजों की स्कैनिंग और ऑनलाइन अपलोडिंग का काम हर हाल में पूरा करें। इस मुहिम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसके बाद आवेदन की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी, जिससे जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी और सिस्टम में पारदर्शिता आएगी।









