
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के दस्तावेजों की नकल पाने की प्रक्रिया को बेहद सरल बना दिया है। नए नियमों के अनुसार, अब लोगों को पुराने तरीके से कागज पर आवेदन देने या ‘चिरकुट’ जमा करने की जरूरत नहीं होगी। विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि यह नई व्यवस्था 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी और इसके लिए सभी अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस कदम से भ्रष्टाचार कम होगा और लोगों के समय की बचत होगी।
अब घर बैठे मिलेंगी ज़मीन की डिजिटल कॉपी
सरकार के नए आदेश के अनुसार, 1 जनवरी से ज़मीन-जायदाद से जुड़े सभी दस्तावेजों की केवल डिजिटल साइन वाली ऑनलाइन कॉपी ही मान्य होगी। अभी तक आम लोगों को प्रमाणित नकल पाने के लिए काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती थी, स्टैम्प ड्यूटी जमा करनी होती थी और करीब 7 से 14 दिनों तक का लंबा इंतज़ार करना पड़ता था। लेकिन अब इस ऑनलाइन व्यवस्था से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने और बेवजह की परेशानियों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा।
अब घर बैठे पाएँ जमीन के कागजात
राजस्व विभाग के अनुसार, अब जमीन के रिकॉर्ड (भू-अभिलेख) पोर्टल पर स्कैन की हुई कॉपियां आसानी से उपलब्ध हैं। कोई भी जमीन मालिक (रैयत) मामूली शुल्क देकर अपने जरूरी दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है। यदि आपको कोई ऐसा दस्तावेज चाहिए जो पोर्टल पर फिलहाल नहीं दिख रहा है, तो आपको उसके लिए भी ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। आवेदन मिलने के बाद विभाग उस दस्तावेज को पोर्टल पर उपलब्ध कराएगा ताकि आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।









