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NEET Counseling: 12 लाख रैंक वालों की भी खुली किस्मत! खाली सीटों पर मिलेगा MBBS एडमिशन, अभी चेक करें अपना कटऑफ और रिजल्ट

खाली सीटों पर बदला खेल, कटऑफ गिरा स्तर पर क्या आपका रिजल्ट दिलाएगा सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में एंट्री अभी जानें लिस्ट, डेट्स और आंकड़े।

By Manju Negi

NEET Counseling: 12 लाख रैंक वालों की भी खुली किस्मत! खाली सीटों पर मिलेगा MBBS एडमिशन, अभी चेक करें अपना कटऑफ और रिजल्ट
NEET Counseling: 12 लाख रैंक वालों की भी खुली किस्मत! खाली सीटों पर मिलेगा MBBS एडमिशन, अभी चेक करें अपना कटऑफ और रिजल्ट

महाराष्ट्र में NEET UG 2025 के तहत MBBS Admission की कटऑफ में इस बार आई ऐतिहासिक गिरावट ने शिक्षा जगत से लेकर अभिभावकों और मेडिकल एक्सपर्ट्स तक को चौंका दिया है। State Common Entrance Test (CET) Cell द्वारा जारी Stray Vacancy Round के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस दाखिले के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग स्कोर 504 रहा, जबकि पिछले वर्ष यही कटऑफ 629 तक थी। यह गिरावट साल-दर-साल तुलना में सबसे बड़ी मानी जा रही है।

13 लाख रैंक, सिर्फ 118 अंक और फिर भी MBBS सीट

सबसे चौंकाने वाला तथ्य Meritorious State Quota (Institutional Quota Round) से सामने आया है। एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एक छात्र को NEET UG 2025 में 720 में से मात्र 118 अंक और लगभग 13 लाख की All India Rank (AIR) पर MBBS में दाखिला मिला। यह मामला सामने आने के बाद Medical Admission System, Transparency, और Policy Implementation को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है।

सरकारी बनाम प्राइवेट कॉलेज: कटऑफ का बड़ा अंतर

CET Cell के फाइनल एडमिशन चार्ट के विश्लेषण से पता चलता है कि:

  • Government Medical Colleges (Open Category) में एडमिशन लगभग AIR 48,000 पर बंद हुआ, जहां स्कोर 504 था।
  • OBC Category में कटऑफ 503 रही।
  • SC Category के लिए सरकारी कॉलेजों में कटऑफ 419,
  • ST Category के लिए 326 दर्ज की गई।
  • वहीं Private Medical Institutions में कटऑफ 150 से 176 के बीच रही।

इन आंकड़ों से साफ है कि Government और Private Medical Colleges के बीच कटऑफ का अंतर इस वर्ष असामान्य रूप से बढ़ गया है।

सीटें होने के बावजूद 400+ स्कोर वाले छात्र बाहर

एक और हैरान करने वाली बात यह है कि मेडिकल एडमिशन प्रक्रिया बंद होने के बाद भी करीब 400 या उससे अधिक NEET स्कोर वाले सैकड़ों छात्र बिना MBBS सीट के रह गए।
महाराष्ट्र CET Cell इस वर्ष कुल 64 मेडिकल कॉलेजों में 8535 MBBS सीटों पर एडमिशन करा रहा है, जिनमें:

  • 4936 सीटें Government Medical Colleges में
  • 3599 सीटें Private Medical Colleges में शामिल हैं।

इसके बावजूद योग्य माने जाने वाले कई छात्रों को सीट न मिल पाना सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

Institutional Quota में सबसे बड़ी गिरावट

कटऑफ टेबल के अनुसार, Institutional Quota में रैंक 13 लाख तक चली गई, जहां स्कोर 114 से 118 के बीच रहा। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ प्राइवेट नहीं, बल्कि Government, Aided और Unaided Colleges—तीनों तरह के संस्थानों में देखी गई है।

अभिभावकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

अभिभावकों की प्रतिनिधि सुधा शेनॉय ने इस पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 85% State Quota के तहत 118 अंक पर MBBS एडमिशन बंद होना बेहद गंभीर मामला है। हमारे पास 400 से ज्यादा स्कोर वाले ऐसे छात्र हैं जिन्हें सीट नहीं मिली। यह सीधे तौर पर Admission Policy और Counselling Process की खामियों की ओर इशारा करता है। इसकी पूरी और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”

क्या है गिरावट की वजह?

हालांकि CET Cell के अधिकारियों ने अब तक किसी एक कारण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञ संभावित वजहों के तौर पर Seat Matrix Management, Late Counselling Rounds, Stray Vacancy Rules, और Student Preference Trends को जिम्मेदार मान रहे हैं।
कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि निजी मेडिकल कॉलेजों की ऊंची फीस और सीमित विकल्पों के कारण आखिरी राउंड में कटऑफ अचानक नीचे आ जाती है।

आगे क्या?

इस घटनाक्रम के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि Health Education Policy, NEET Counselling Framework, और Institutional Quota Guidelines की समीक्षा की जा सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आने वाले वर्षों में Medical Education System में असमानता और अविश्वास और गहराने की आशंका है।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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