
हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का काम अब रफ्तार पकड़ने वाला है। इस प्रोजेक्ट के लिए गोरखपुर और बस्ती मंडल के 133 गांवों की जमीन ली जाएगी। यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर से शुरू होकर संतकबीरनगर और गोरखपुर होते हुए कुशीनगर के हाटा तक जाएगा। अकेले गोरखपुर मंडल में इसकी लंबाई 86.24 किलोमीटर होगी। एनएचएआई (NHAI) ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संबंधित चारों जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
गोरखपुर-बस्ती मंडल में पानीपत एक्सप्रेसवे का सर्वे शुरू, इन गांवों से होकर गुजरेगी सड़क
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने पानीपत एक्सप्रेसवे के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए गोरखपुर और बस्ती मंडल में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। यह एक्सप्रेसवे बांसी के 37 गांवों, मेंहदावल के 29 गांवों और गोरखपुर की सदर व कैंपियरगंज तहसील के 46 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके अलावा हाटा के 21 गांवों में भी सड़क निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की गई है। इस बड़े प्रोजेक्ट से पूर्वांचल के इन क्षेत्रों में यातायात सुगम होगा और विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का रूट तय
पानीपत से गोरखपुर के बीच बनने वाला 747 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के कई जिलों की तस्वीर बदल देगा। यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच और लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरेगा। गोरखपुर जिले में इसकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर होगी और यह नयनसर के पास गोरखपुर-सोनौली हाईवे को पार करेगा। रास्ते में यह एक्सप्रेसवे संतकबीरनगर के कुछ हिस्सों को भी कवर करेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए यात्रा पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो जाएगी।
यूपी के इन जिलों में विकास की नई रफ्तार
747 किलोमीटर लंबा पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए तरक्की का नया रास्ता खोलेगा। यह शानदार एक्सप्रेसवे लखीमपुर खीरी, बहराइच, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे शहरों को आपस में जोड़ते हुए गोरखपुर तक जाएगा। गोरखपुर में इसकी लंबाई 34 किलोमीटर होगी और यह संतकबीरनगर के इलाकों को भी कवर करेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
कैंपियरगंज के इन गांवों से गुजरेगा नया रास्ता
गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में यह नया एक्सप्रेसवे विकास की नई लहर लेकर आएगा। इसके निर्माण के लिए लक्ष्मीपुर, मखनहा, ठकुरापार, नयनसर और रामपुर कैथवलिया जैसे दो दर्जन से अधिक गांवों की जमीन का उपयोग किया जाएगा। यह रूट गंगापार, रमवापुर, नीबा और कंदरखावा सहित कई अन्य गांवों को सीधे जोड़ते हुए निकलेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल परिवहन बेहतर होगा, बल्कि जमीन की कीमतों और व्यापारिक गतिविधियों में भी भारी उछाल आने की उम्मीद है।
इन गांवों की जमीनों पर दौड़ेगी विकास की रफ्तार
पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे के रूट में गोरखपुर और आसपास के कई अन्य महत्वपूर्ण गांवों को शामिल किया गया है। बढ़नी, फुलवरिया, सियारामपुर और महराजगंज जैसे इलाकों से होते हुए यह मार्ग जंगल नाकिन और जंगल डुमरी जैसे क्षेत्रों को भी कवर करेगा। रामपुर बुजुर्ग, गंभीरपुर कम्हरिया और सोनराइच उर्फ बड़ा गांव जैसे दो दर्जन से अधिक गांवों के जुड़ने से यह पूरा इलाका सीधा बड़े शहरों से कनेक्ट हो जाएगा। इस परियोजना से स्थानीय ग्रामीणों को बेहतर यातायात के साथ-साथ रोजगार के सुनहरे अवसर भी मिलेंगे।
एक्सप्रेसवे का नया रूट
पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए गांवों की एक और विस्तृत सूची सामने आई है। इस रूट में बंजारी, कम्हरिया, बहादुरपुर और जमोहनी जैसे महत्वपूर्ण गांव शामिल हैं। यह मार्ग मिश्रौलिया, सिरसिया और पिपरा शुक्ल जैसे इलाकों को जोड़ते हुए आगे बढ़ेगा। प्रशासन द्वारा चिन्हांकित किए गए इन गांवों में अब विकास की गतिविधियां तेज होंगी। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी मिलने से इन ग्रामीण क्षेत्रों का सीधा संपर्क बड़े व्यापारिक केंद्रों से हो जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी।









