
अक्सर त्योहारों के समय यात्रियों को टिकट बुक करने में भारी परेशानी होती है, क्योंकि दलाल अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर पहले ही सारी टिकटें हथिया लेते हैं। इससे आम यात्रियों को महीनों पहले बुकिंग करने पर भी कन्फर्म सीट नहीं मिल पाती। आम जनता की इसी समस्या को दूर करने के लिए भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस नई व्यवस्था का मकसद टिकटों की कालाबाजारी को रोकना है, ताकि ज़रूरतमंद यात्रियों को आसानी से और सही समय पर टिकट मिल सके।
रेलवे टिकट बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन के नए नियम
भारतीय रेलवे ने टिकटों की कालाबाजारी और दलाली रोकने के लिए आधार वेरिफिकेशन के नियमों को अब और सख्त कर दिया है। नए बदलाव के अनुसार, यात्रा की तारीख से 2 महीने पहले जब ऑनलाइन बुकिंग शुरू होगी, तब शुरुआती 2 घंटों तक बिना आधार वेरिफिकेशन के टिकट बुक नहीं किए जा सकेंगे।
पहले यह समय सीमा केवल 15 मिनट की थी, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है ताकि यात्रियों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल सकें और दलालों पर लगाम कसी जा सके। इस कदम से टिकट बुकिंग की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी हो जाएगी।
रेलवे टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव
रेलवे बोर्ड ने टिकट बुकिंग को लेकर एक नया और सख्त नियम लागू किया है। 18 दिसंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, अब एडवांस रिजर्वेशन शुरू होने के पहले दिन रात 12 बजे तक केवल वही लोग टिकट बुक कर पाएंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार से वेरिफाइड होगा। यह कदम टिकटों की कालाबाजारी रोकने और असली यात्रियों को सुविधा देने के लिए उठाया गया है। बिना आधार वेरिफिकेशन वाले अकाउंट से पहले दिन बुकिंग संभव नहीं होगी।
आधार वेरिफिकेशन के बिना नहीं मिलेगी कंफर्म टिकट
रेलवे अब टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को और सुरक्षित बनाने के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर रहा है। नए नियम के मुताबिक, जिस दिन बुकिंग शुरू होगी, उस दिन केवल वही लोग रात 12 बजे तक टिकट बुक कर पाएंगे जिनका अकाउंट आधार से लिंक है। जिन लोगों का आधार प्रमाणित नहीं होगा, वे उस पहले दिन बुकिंग नहीं कर सकेंगे। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य टिकटों की दलाली और बल्क बुकिंग को रोकना है, ताकि ज़रूरतमंद यात्रियों को आसानी से कंफर्म टिकट मिल सके।









