
हिमाचल प्रदेश सरकार ने छोटे कारोबारियों को कर्ज के बोझ से राहत देने के लिए ‘मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत उन शहरी दुकानदारों की आर्थिक मदद की जाएगी, जिनका बैंक खाता किस्त न चुका पाने के कारण NPA (डिफ़ॉल्ट) हो गया है।
सरकार ऐसे दुकानदारों के ₹10 लाख तक के लोन पर ₹1 लाख की सहायता राशि खुद चुकाएगी। योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनका सालाना टर्नओवर ₹10 लाख से कम है और जिन्होंने अप्रैल 2020 से मार्च 2025 के बीच बिजनेस लोन लिया था।
छोटे दुकानदारों को सरकार देगी ₹1 लाख की मदद
हिमाचल प्रदेश के शहरी इलाकों में अपना छोटा व्यवसाय चलाने वाले व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की बजट घोषणा पर अमल करते हुए सरकार ने नई अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर पात्र दुकानदारों को अपना काम बढ़ाने के लिए बैंकों के माध्यम से ₹1 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधान सचिव शहरी विकास द्वारा जारी इस आदेश का मुख्य उद्देश्य उन हजारों छोटे व्यापारियों को सहारा देना है, जिन्हें अब तक आर्थिक तंगी के कारण अपना बिजनेस विस्तार करने का मौका नहीं मिल पाया था।
अब शहरी दुकानदारों को भी मिलेगा कर्ज से छुटकारा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने छोटे दुकानदारों को आर्थिक राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। साल 2023 से ग्रामीण इलाकों में चल रही “मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना” का दायरा अब शहरी क्षेत्रों तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के तहत उन दुकानदारों को मदद मिलेगी जिनका सालाना टर्नओवर 10 लाख रुपये से कम है।
इसके जरिए बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए 1 लाख रुपये तक की वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) सुविधा दी जाएगी, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों को कानूनी उलझनों से बचाना और उन्हें कर्ज मुक्त करना है। ध्यान रहे कि 10 लाख से अधिक के लोन या धोखाधड़ी (Fraud) वाले मामलों में इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
वेरिफिकेशन और निगरानी की पूरी प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेहद पारदर्शी बनाई गई है। सबसे पहले आपको अपने शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Body) में आवेदन करना होगा। यहाँ से आपके दस्तावेजों की जांच (सत्यापन) होने के बाद आपका मामला सीधे बैंक को भेज दिया जाएगा। योजना को सही तरीके से चलाने और किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य, जिला और शहर स्तर पर विशेष निगरानी समितियां बनाई जाएंगी। साथ ही, आवेदन और ट्रैकिंग को आसान बनाने के लिए एक ऑनलाइन आईटी पोर्टल भी तैयार किया जाएगा, जहाँ से आप अपने आवेदन की स्थिति देख सकेंगे।
राज्य से लेकर जिले तक होगी सख्त निगरानी
शहरी विकास विभाग की इस योजना को जमीन पर सही ढंग से उतारने के लिए एक मजबूत प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके तहत राज्य और जिला, दोनों स्तरों पर टीमें काम करेंगी। योजना की हर छोटी-बड़ी प्रगति पर पैनी नजर रखने के लिए एक विशेष ‘राज्य स्तरीय निगरानी समिति’ बनाई जाएगी। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि योजना का लाभ बिना किसी देरी के लोगों तक पहुँचे और काम में पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
ये लोग उठा सकते हैं लाभ
इस योजना के अंतर्गत समाज के उन सभी छोटे कामगारों और दुकानदारों को शामिल किया गया है जो अपनी मेहनत से अपना गुज़ारा करते हैं। इसमें मुख्य रूप से मोची (कॉबलर), दर्जी, मोबाइल रिपेयरिंग करने वाले, गैरेज चलाने वाले और चाय-ढाबा मालिक पात्र हैं। साथ ही, किराना और कटलरी स्टोर के मालिक, नाई (बार्बर) और सड़क किनारे फल-सब्जी बेचने वाले रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को भी इसमें प्राथमिकता दी गई है। सरल शब्दों में कहें तो, हर वह छोटा व्यवसायी जो निर्धारित सरकारी मानदंडों को पूरा करता है, इस सुनहरे अवसर का फायदा उठाकर अपने काम को आगे बढ़ा सकता है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची
हिमाचल प्रदेश में व्यवसाय के लिए सरकारी सहायता या लोन प्राप्त करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार रखने होंगे। इसमें मुख्य रूप से हिमाचल का निवास प्रमाणपत्र (Himachal Bonafide), आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और आधार से लिंक मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा आपके पास पासपोर्ट साइज फोटो और दुकान या ठेले का वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है। वित्तीय योग्यता साबित करने के लिए 10 लाख रुपये से कम का वार्षिक टर्नओवर दिखाना होगा, जिसके लिए आप CA द्वारा प्रमाणित सर्टिफिकेट, ITR की कॉपी या आय प्रमाणपत्र (Income Certificate) का उपयोग कर सकते हैं।









