
पिछले एक साल में रसोई गैस की कीमतों में मिला-जुला असर देखने को मिला है। जहाँ एक तरफ कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में करीब 12-13% की बड़ी गिरावट आई है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए, दिल्ली में कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 1818.50 रुपये से घटकर 1580.50 रुपये पर आ गए, जिससे होटल और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली।
इसके विपरीत घरेलू सिलेंडर इस्तेमाल करने वाले परिवारों पर 50 रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। कुल मिलाकर, पिछले एक साल का रुझान कॉमर्शियल सेक्टर के लिए तो सस्ता रहा, लेकिन आम आदमी की रसोई के बजट पर दबाव बना रहा।
यहाँ आपके कंटेंट का सरल और स्पष्ट रूप दिया गया है:
कमर्शियल LPG के दाम गिरे
बीता साल व्यवसायियों के लिए राहत भरी खबरें लेकर आया है। जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 के बीच दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में औसतन ₹238 की बड़ी कटौती देखी गई है। सिलेंडर के दामों में आई इस गिरावट से होटल, रेस्टोरेंट और छोटे उद्योगों की लागत कम हुई है, जिससे व्यापार करना पहले के मुकाबले सस्ता और आसान हो गया है।
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों का उतार-चढ़ाव
साल 2025 के शुरुआती सात महीनों में कमर्शियल LPG सिलेंडर के दामों में कई बार बदलाव देखे गए। जुलाई महीने में सबसे बड़ी राहत मिली, जब कीमतों में करीब ₹57 से ₹58.50 तक की बड़ी कटौती की गई। इससे पहले जून में ₹25 और अप्रैल में ₹44 तक दाम गिरे थे। हालांकि, फरवरी में गिरावट काफी मामूली (₹4-7) रही। कुल मिलाकर यह साल व्यापारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है क्योंकि कीमतों में कटौती का सिलसिला लगातार जारी है।
महीनेवार कीमतों में गिरावट
- जनवरी 2025: ₹14.50 से ₹16 की कमी।
- फरवरी: ₹4 से ₹7 की मामूली गिरावट।
- अप्रैल: ₹41 से ₹44.50 की बड़ी राहत।
- मई: ₹14.50 से ₹17 की कटौती।
- जून: ₹24 से ₹25.50 तक दाम गिरे।
- जुलाई: ₹57 से ₹58.50 की सबसे बड़ी गिरावट।
- अगस्त (₹33.50-34.50)
- सितंबर (₹50.50-51.50)
- नवंबर (₹4.50-6.50) दिसंबर 2025 (₹10-10.50)
जुलाई में मिली सबसे बड़ी राहत, व्यापारियों की हुई बंपर बचत
साल 2025 कमर्शियल गैस उपभोक्ताओं के लिए काफी सकारात्मक रहा। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में ₹58.50 की सबसे बड़ी कटौती दर्ज की गई, जिसके बाद सितंबर में ₹51.50 और अप्रैल में ₹41 से अधिक की गिरावट आई। हालांकि, मार्च में ₹15.50 और अक्टूबर में ₹6 की मामूली बढ़ोतरी भी देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर कीमतों का ग्राफ नीचे ही रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अनुकूल सरकारी नीतियों ने इस गिरावट में बड़ी भूमिका निभाई है। इस ट्रेंड का सीधा फायदा छोटे और बड़े कारोबारियों को मिल रहा है:
- बचत का गणित: रेस्टोरेंट, होटल और कैटरिंग व्यवसाय चलाने वाले लोग हर महीने ₹5,000 से ₹10,000 तक की सीधी बचत कर रहे हैं।
- लागत में कमी: ईंधन सस्ता होने से खाद्य पदार्थों और अन्य सेवाओं की लागत कम हुई है, जिससे व्यापारियों का मुनाफा बढ़ा है।









