
बिहार के रोहतास जिले में सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर मुफ्त राशन का लाभ लेने वालों पर शिकंजा कस दिया है। जांच में सामने आया है कि सासाराम, डेहरी और बिक्रमगंज अनुमंडलों में करीब 53,850 लोग ऐसे हैं, जो संपन्न होने के बावजूद राशन कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें आयकर (Income Tax) भरने वाले, चार पहिया गाड़ी रखने वाले और बड़ी संपत्ति के मालिक शामिल हैं। प्रशासन ने इन सभी को चिन्हित कर लिया है और इस महीने के अंत तक उनके राशन कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि केवल पात्र और जरूरतमंद लोगों को ही इस योजना का लाभ मिले।
राशन कार्ड की जांच में बड़ा खुलासा
प्रशासनिक जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि कई आर्थिक रूप से मजबूत लोग भी गरीब बनकर मुफ्त सरकारी राशन का फायदा उठा रहे थे। आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक करने के बाद हुई सख्ती से पता चला कि आयकर (Income Tax) भरने वाले, शहरों में आलीशान मकान और महंगी जमीन रखने वाले, यहाँ तक कि चारपहिया वाहनों के मालिक भी फर्जी तरीके से मुफ्त अनाज ले रहे थे। इस डिजिटल जांच और पारदर्शिता के कारण अब ऐसे अपात्र लोगों की पहचान आसान हो गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सरकारी मदद केवल वास्तव में जरूरतमंद और गरीब परिवारों तक ही पहुँचे।
हजारों लोग पाए गए अपात्र, ऐसे चेक करें अपना नाम
बिहार के सासाराम जिले में राशन कार्डों की जांच के बाद बड़े पैमाने पर अपात्र कार्डधारकों की पहचान की गई है। आंकड़ों के अनुसार, सासाराम अनुमंडल में सबसे ज्यादा 23,850, बिक्रमगंज में 19,000 और डेहरी में लगभग 11,000 कार्डधारक मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। विभाग ने इन सभी अपात्र लोगों के नामों की सूची संबंधित प्रखंड (ब्लॉक) कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर लगा दी है। यदि आपका नाम गलती से इस लिस्ट में आ गया है, तो आप तय समय के भीतर ब्लॉक जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं ताकि आपका राशन कार्ड रद्द होने से बच सके।
29 दिसंबर तक आपत्ति दर्ज न करने पर रद्द होगा कार्ड
खाद्य और आपूर्ति विभाग ने अपात्र राशन कार्ड धारकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के नाम जांच सूची में आए हैं, उनके पास अपनी सफाई या आपत्ति दर्ज कराने के लिए 29 दिसंबर 2025 तक का समय है। यदि इस तारीख तक कोई जवाब नहीं मिला, तो राशन कार्ड अपने आप रद्द कर दिए जाएंगे। जांच में यह भी सामने आया है कि कई कार्ड धारकों ने महंगे कृषि उपकरण खरीदे हैं और उनके पास अच्छी खासी जमीन है, फिर भी वे इस योजना का लाभ ले रहे हैं। अब ऐसे संपन्न लोगों के राशन कार्ड बंद कर दिए जाएंगे।
अपात्र राशन कार्डों पर बड़ी कार्रवाई
प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि कई ऐसे लोग, जो सरकारी अनाज के हकदार नहीं हैं, सालों से मुफ्त राशन का लाभ ले रहे थे। इससे उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों का हक मारा जा रहा था जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। इससे पहले अधिकारियों और राशन डीलरों ने ऐसे लोगों से खुद अपना कार्ड सरेंडर करने की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद कई लोगों ने कार्ड जमा नहीं कराए। अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे सभी फर्जी और अपात्र राशन कार्डों को सीधे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।









