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सड़क किनारे सोने वालों के लिए राहत बनी ‘जापानी बेंच’, जानें कैसे कड़ाके की ठंड से करेंगी बचाव

कड़ाके की ठंड में बेघरों के लिए उम्मीद की नई किरण! जापान की यह अनोखी 'स्मार्ट बेंच' अब सड़क किनारे सोने वालों को जमा देने वाली सर्दी से बचाएगी। आखिर क्या है इस बेंच की तकनीक और यह कैसे काम करती है? इस जादुई आविष्कार की पूरी कहानी यहाँ पढ़ें।

By Pinki Negi

सड़क किनारे सोने वालों के लिए राहत बनी ‘जापानी बेंच’, जानें कैसे कड़ाके की ठंड से करेंगी बचाव
‘जापानी बेंच’

जापान ने मानवता की सेवा के लिए एक कमाल की तकनीक पेश की है। टोक्यो और साप्पोरो शहरों में ऐसी ‘सोलर-हीटेड’ बेंच और शेल्टर लगाए जा रहे हैं, जो दिन में सूरज की ऊर्जा को सोखते हैं और रात को खुद को गर्म रखते हैं। यह अनोखा प्रोजेक्ट विशेष रूप से उन बेसहारा लोगों की मदद के लिए शुरू किया गया है, जो कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर होते हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाली इन बेंचों के जरिए जापान ने यह साबित कर दिया है कि आधुनिक तकनीक का उपयोग समाज के सबसे जरूरतमंद लोगों की सुरक्षा के लिए कैसे किया जा सकता है।

ठंड से बचाने वाली ‘स्मार्ट बेंच’

जापान अपनी एडवांस तकनीक का इस्तेमाल अब समाज के सबसे कमजोर तबके की मदद के लिए कर रहा है। यूरोप की तर्ज पर अब जापान की सड़कों, बस स्टॉप और पार्कों में सौर ऊर्जा (Solar Energy) से गर्म होने वाली खास बेंचें लगाई जा रही हैं।

यह पहल उन बेघर और बेसहारा लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहते हैं। रोबोटिक्स और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने वाला जापान यह साबित कर रहा है कि जब आधुनिक विज्ञान के साथ इंसानियत जुड़ती है, तो वह समाज में कितना बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

सौर ऊर्जा से चलने वाली ‘स्मार्ट’ गर्म बेंच

इन खास बेंचों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें चलाने के लिए बिजली या किसी ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती। इन्हें एक विशेष प्रकार के मटेरियल से बनाया गया है जो दिन के समय सूरज की रोशनी (सौर ऊर्जा) को सोखकर अपने अंदर जमा कर लेता है। रात के समय या ठंड में यह तकनीक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के लगातार 12 घंटे तक गर्माहट देने में सक्षम है। यह न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि बिजली की बचत करने वाला एक बेहतरीन आविष्कार भी है।

सर्दी से बचाव के लिए खास ‘वार्म शेल्टर’ की शुरुआत

ठंड के कारण होने वाली बीमारियों और आपात स्थितियों को रोकने के लिए एक मानवीय पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस नई तकनीक का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक जगहों पर बनी बेंच और शेल्टर को गर्म रखना है, ताकि ये सुरक्षित ठिकाने बन सकें। यह पहल विशेष रूप से उन जरूरतमंद लोगों के लिए की गई है, जिन्हें कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ती है, जिससे उन्हें अब गर्माहट और राहत मिल सकेगी।

भविष्य के शहरों के लिए जापान की स्मार्ट तकनीक

जापान की यह नई तकनीक शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन को और भी बेहतर, सस्ता और टिकाऊ बनाने का एक बेहतरीन तरीका साबित हो सकती है। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अंधेरा होने के बाद भी प्रभावी ढंग से काम करता है, जिससे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा और सुविधा बनी रहती है। जापान ने यह साबित कर दिया है कि अगर हम अपनी साधारण जरूरतों को स्मार्ट तकनीक के साथ जोड़ें, तो बड़ी सामाजिक समस्याओं को बहुत आसानी से हल किया जा सकता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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