उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में व्यापक बदलाव किए हैं, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राजस्व बढ़ाना है, जिसका लक्ष्य 55,000 करोड़ रुपये रखा गया है। शराब की कीमतों में 10 से 100 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है, खासकर अंग्रेजी शराब पर।

दुकानों की नई व्यवस्था
अब शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी सिस्टम से होगा, जिसमें कोई व्यक्ति अधिकतम दो दुकानें ही ले सकेगा। कंपोजिट शॉप्स की शुरुआत हो रही है, जहां देशी शराब, विदेशी मदिरा, बीयर और वाइन एक ही काउंटर से मिलेगी। दुकानें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुलेंगी, लेकिन ऑन-प्रिमाइसेस ड्रिंकिंग पूरी तरह बंद रहेगी।
कीमतों पर सीधा असर
क्वार्टर बोतल पर 15-20 रुपये, हाफ पर 50 रुपये और फुल साइज पर 100 रुपये तक महंगाई का अनुमान है। देशी शराब की 200 मिलीलीटर बोतल 5 रुपये महंगी हो सकती है। प्रीमियम ब्रांड्स पर भी मार्जिन बढ़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को जेब पर बोझ पड़ेगा। छोटे पैक जैसे 60 और 90 मिलीलीटर भी बाजार में आएंगे।
लाइसेंस और फीस में बदलाव
प्रोसेसिंग फीस शहरों के आधार पर तय की गई है – बड़े महानगरों में कंपोजिट शॉप्स के लिए 85,000 रुपये तक। ग्रामीण इलाकों में यह 55,000 रुपये होगी। फ्रूट वाइन शॉप्स हर जिले में खुलेंगी, जिनकी फीस 30,000 से 50,000 रुपये तक रहेगी। बैंक गारंटी और ऑनलाइन परिवहन पास अनिवार्य होंगे।
उपभोक्ताओं के लिए क्या करें?
कीमतें बढ़ने से पहले स्टॉक खरीद लें, क्योंकि पुरानी दरें अभी लागू हैं। जिम्मेदारी से सेवन करें और स्वास्थ्य का ख्याल रखें। अधिक जानकारी के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट चेक करें। यह नीति पारदर्शिता लाएगी, लेकिन शौकीनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगी।









