सर्दियों का मौसम आते ही उत्तर भारत में घना कोहरा रेल यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। दृश्यता शून्य होने से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने कई प्रमुख लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन अचानक रोक दिया। लाखों यात्री जो घर-परिवार से मिलने या कामकाज के सिलसिले में सफर करने वाले थे, अब फजीहत महसूस कर रहे हैं। स्टेशन पहुंचने से पहले मोबाइल ऐप या हेल्पलाइन पर स्टेटस जरूर जांच लें, वरना टिकट बेकार हो सकता है।

क्यों रद्द हो रही ट्रेनें?
सर्दी के इन दिनों में दिल्ली, यूपी, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में कोहरा इतना घना छा जाता है कि ट्रेनें पटरी पर चलते हुए कुछ दूर आगे ही नहीं देख पातीं। रेलवे अधिकारियों ने जोखिम से बचने के लिए दिसंबर से फरवरी-मार्च तक कई ट्रेन जोड़ियों को पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया। यह कदम हर साल उठाया जाता है, लेकिन इस बार प्रभाव ज्यादा गहरा है क्योंकि यात्रियों की संख्या पीक पर है। देरी से बेहतर है रद्दी, यही सोचकर ये कदम उठाया गया। नतीजा? हावड़ा, पटना, गोरखपुर जैसे बड़े जंक्शनों पर अफरा-तफरी मच गई।
प्रभावित प्रमुख रूट और ट्रेनें
उत्तर-पूर्वी और मध्य क्षेत्र के रूट सबसे ज्यादा तबाह हुए हैं। यहां कुछ मुख्य ट्रेनें हैं जो अब स्टेशन पर खड़ी रहेंगी:
- डिब्रूगढ़ से चंडीगढ़ एक्सप्रेस: दिसंबर शुरू से फरवरी अंत तक बंद।
- कामाख्या-गया एक्सप्रेस: इसी अवधि में यात्रियों को निराशा।
- हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस: पहाड़ी इलाकों के रास्ते प्रभावित।
- आनंद विहार-हटिया एक्सप्रेस: बिहार-झारखंड कनेक्टिविटी टूटी।
- मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस: पूर्वी गलियारे पर ब्रेक।
ये ट्रेनें अमृतसर, प्रयागराज, झांसी जैसे स्टेशनों को जोड़ती थीं। कुल मिलाकर 24 जोड़ी यानी 48 ट्रेन सेवाएं रुकी हुई हैं। छोटे रूटों पर भी 20 से ज्यादा ट्रेनें अस्थायी तौर पर कैंसिल हो चुकीं। यात्रियों को वैकल्पिक लोकल ट्रेनों या बसों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
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यात्रियों को क्या करें? आसान टिप्स
सबसे पहले घबराएं नहीं। IRCTC ऐप डाउनलोड करें या 139 नंबर पर कॉल करके तुरंत अपडेट लें। वैकल्पिक ट्रेनें ढूंढें, जैसे स्पेशल ट्रेनें जो कभी-कभी चलाई जाती हैं। टिकट रद्द करवाकर पूरा रिफंड ले लें, प्रक्रिया ऑनलाइन आसान है। अगर देरी हो रही हो तो अतिरिक्त दो-चार घंटे का बफर रखें। परिवार के साथ सफर कर रहे हैं तो बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें। रेलवे ने हेल्प डेस्क भी लगाए हैं, वहां जाकर मदद लें।
आगे की उम्मीदें
कोहरा खत्म होते ही ट्रेनें पटरी पर लौटेंगी, लेकिन तब तक धैर्य रखें। रेलवे नई तकनीक जैसे फॉग सेफ्टी डिवाइस पर काम कर रहा है, जो भविष्य में ये समस्या कम करेगी। फिलहाल, प्लान बी तैयार रखें। सुरक्षित यात्रा करें!









