
भारत में शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं होती, बल्कि दो परिवारों का बड़ा आयोजन भी होती है। यही वजह है कि आज शादी-ब्याह पर लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। कई बार परिवारों को शादी के खर्च पूरे करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ता है। लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और इंटर कास्ट यानी अंतरजातीय शादी करते हैं, तो सरकार खुद आपकी आर्थिक मदद करती है।
क्या है यूपी इंटर कास्ट मैरिज स्कीम?
उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना “Dr. Ambedkar Scheme for Social Integration through Inter Caste Marriages” के नाम से जानी जाती है। इसे डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में जातिगत भेदभाव को कम करना और इंटर कास्ट विवाहों को प्रोत्साहित करना है।
इस स्कीम के तहत अगर किसी जोड़े में एक व्यक्ति अनुसूचित जाति (SC) से है और दूसरा गैर-दलित समुदाय से, तो सरकार उन्हें 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देती है। खास बात यह है कि यह राशि किसी लोन या सब्सिडी की तरह नहीं, बल्कि सीधी सहायता राशि (Direct Grant) होती है।
कब शुरू हुई योजना और किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना साल 2013 में शुरू की गई थी और आज भी प्रभावी है। इसका फायदा उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं —
- दोनों में से एक व्यक्ति SC समुदाय से होना जरूरी है।
- शादी Hindu Marriage Act, 1955 के तहत रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
- सहायता राशि केवल पहली शादी पर दी जाती है।
- आवेदन, शादी के एक वर्ष के भीतर करना होता है।
अगर पहले किसी अन्य सरकारी योजना के तहत शादी के लिए आर्थिक सहयोग मिला है, तो वह राशि 2.5 लाख रुपये की सहायता से घटा दी जाती है।
दो चरणों में दी जाती है सहायता राशि
इस योजना की एक अहम खासियत यह है कि सहायता एक साथ नहीं बल्कि दो किस्तों में मिलती है।
- पहली किस्त: 1.5 लाख रुपये सीधे कपल के संयुक्त बैंक खाते में NEFT या RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किए जाते हैं।
- दूसरी किस्त: 1 लाख रुपये तीन साल की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में रखे जाते हैं। यह राशि ब्याज समेत तीन साल बाद कपल को मिलती है।
इस व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि कपल लंबे समय तक आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें और तत्काल खर्च के साथ भविष्य की बचत भी सुनिश्चित हो सके।
कहाँ और कैसे करें अप्लाई?
इस योजना के लिए आवेदन ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। आवेदन के लिए कपल को जिले के मजिस्ट्रेट कार्यालय या डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के पास कागजात जमा करने होते हैं।
आवेदन पत्र के साथ सांसद या विधायक की सिफारिश जोड़कर जिला प्रशासन के कार्यालय में जमा किया जा सकता है। वहीं, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है, वे ambedkarfoundation.nic.in वेबसाइट से प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज़ जरूरी होते हैं:
- विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate)
- जाति प्रमाणपत्र (Caste Certificate)
- पहली शादी का प्रमाण या हलफनामा
- आय प्रमाणपत्र (Income Certificate)
- जॉइंट बैंक अकाउंट की डिटेल्स
- पहचान पत्र (आधार/पैन)
- पासपोर्ट साइज फोटो
इन दस्तावेजों के बिना आवेदन अधूरा माना जाएगा, इसलिए सबमिट करने से पहले इन्हें ध्यान से तैयार करना जरूरी है।
योजना का वास्तविक उद्देश्य
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन की यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता देने तक सीमित नहीं है। इसका असली मकसद समाज में जातिगत भेदभाव खत्म करना और सामाजिक एकता को मजबूत बनाना है। जब लोग इंटर कास्ट मैरिज को अपनाएंगे, तब समाज में बराबरी और सौहार्द का संदेश फैलेगा। सरकार इस योजना के माध्यम से यह संदेश देना चाहती है कि शादी प्रेम और समझ का बंधन है, न कि जाति और धर्म की सीमाओं में बंधा कोई समझौता।









