
आज के समय में खेती को आधुनिक बनाने के लिए ट्रैक्टर बेहद जरूरी हो गया है। लेकिन देश के लाखों छोटे किसान अभी भी ट्रैक्टर खरीदने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें खेत जोतने और बुवाई के लिए बड़े किसानों के ट्रैक्टर पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन अब यह परेशानी खत्म होने वाली है, क्योंकि पावर टिलर नाम की यह मशीन छोटे किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
एक मशीन से 50 तरह के काम
पावर टिलर दिखने में छोटा जरूर है, लेकिन काम में ट्रैक्टर से किसी भी मायने में कम नहीं। यह खेत की जुताई, बुवाई, खरपतवार निकालना, खाद या दवा का स्प्रे करना, यहां तक कि फसल की कटाई जैसे करीब 50 तरह के काम बड़ी आसानी से कर सकता है। इससे खेती का खर्च भी आधा हो जाता है, क्योंकि इसमें डीजल की खपत बहुत कम होती है।
हॉर्टिकल्चर विभाग दे रहा है भारी सब्सिडी
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर सब्सिडी दे रही है। उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) द्वारा पावर टिलर खरीदने पर 55% तक की सब्सिडी दी जा रही है।
- जिन किसानों की जमीन 5 एकड़ से कम है, उन्हें 55% अनुदान मिलेगा।
- वहीं जिन किसानों की जमीन 5 एकड़ से अधिक है, उन्हें 45% सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
पावर टिलर की कीमत लगभग ₹70,000 से ₹1.5 लाख तक होती है, जिस पर किसानों को ₹80,000 तक की सहायता राशि दी जा सकती है। इसके लिए किसानों को mpfsts.mp.gov.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद योजना के तहत लॉटरी सिस्टम से चयन किया जाता है।
सब्जी और बागवानी करने वालों के लिए वरदान
जो किसान सब्जियों और फलों की खेती करते हैं, उनके लिए पावर टिलर किसी वरदान से कम नहीं है। जहां बड़ी मशीनें या ट्रैक्टर नहीं जा पाते, वहां यह छोटा शक्ति संपन्न टिलर बखूबी काम कर लेता है। इससे खेतों की देखरेख समय पर हो जाती है और उत्पादन में 20-30% तक बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
समय की बचत और बढ़ी आमदनी
पावर टिलर का सबसे बड़ा फायदा यही है कि किसान अपने समय पर खेती कर सकते हैं। उन्हें अब बड़े किसानों या किराए के ट्रैक्टर का इंतज़ार नहीं करना पड़ता। जब खेती समय पर होगी तो फसल भी समय पर कटेगी और आमदनी स्वतः बढ़ेगी।
12 कंपनियों से किया गया अनुबंध
राज्य के हॉर्टिकल्चर विभाग ने 12 कंपनियों से अनुबंध किया है। किसान अपनी जरूरत और बजट के अनुसार किसी भी कंपनी का पावर टिलर खरीद सकते हैं, छोटा हो या बड़ा। इस तरह सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान के पास खेती के लिए सस्ती और असरदार मशीन उपलब्ध हो।








