
श्रीगंगानगर और सूरतगढ़ के बीच यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे-62 के 75.5 किलोमीटर लंबे हिस्से को टू-लेन से फोरलेन में बदलने के लिए 1022.57 करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्रालय के इस फैसले से अब इस रूट पर सफर न केवल तेज़ होगा, बल्कि यातायात की सुविधा और सुरक्षा भी बेहतर हो जाएगी।
श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ फोरलेन सड़क को मिली हरी झंडी
श्रीगंगानगर से सूरतगढ़ के बीच अब फोरलेन सड़क बनने जा रही है, जिस पर कुल 1025 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। इसमें से 785 करोड़ रुपये सड़क निर्माण और बाकी रकम जमीन अधिग्रहण व अन्य कामों के लिए इस्तेमाल होगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग को बजट की मंजूरी मिल गई है और जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इस फोरलेन के बनने से यात्रियों का सफर आसान और सुरक्षित होगा, ट्रैफिक की समस्या खत्म होगी और सड़क हादसों में भी काफी कमी आएगी।
सूरतगढ़-श्रीगंगानगर के बीच बनेगा शानदार फोरलेन हाईवे
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने राजस्थान में सड़कों के जाल को मजबूत करने के लिए सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर के बीच फोरलेन सड़क बनाने का निर्णय लिया है। इस व्यस्त रूट पर ट्रैफिक के भारी दबाव को देखते हुए जनता लंबे समय से इसे चौड़ा करने की मांग कर रही थी। इस नए प्रोजेक्ट से बीकानेर और श्रीगंगानगर के बीच का सफर न केवल आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी। यह कदम क्षेत्र के विकास और सुगम यातायात के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
2027 तक तैयार होगा नया फोरलेन मार्ग
सार्वजनिक निर्माण विभाग जल्द ही एक नए फोरलेन हाईवे का निर्माण शुरू करने जा रहा है, जिसके लिए करीब 190 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए इस मार्ग पर दो नए फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या न हो और वाहन तेज़ी से चल सकें। बजट मिलने के बाद अब जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू हो रही है और उम्मीद है कि यह पूरा प्रोजेक्ट साल 2027 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा।
सूरतगढ़-श्रीगंगानगर फोरलेन के लिए 1022 करोड़ रुपये मंजूर
सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर के बीच अब शानदार फोरलेन सड़क बनेगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 1022.57 करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग जल्द ही इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू करने जा रहा है। इस नई सड़क के बनने से न केवल ट्रैफिक की भीड़ कम होगी, बल्कि यात्रियों का सफर भी पहले से अधिक आसान और सुरक्षित हो जाएगा।









